पूर्व जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना को एक घरेलू सहायिका से बलात्कार के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह सजा बेंगलुरु की एक विशेष अदालत ने दी, जो सांसदों और विधायकों के मामलों की सुनवाई करती है। यह मामला 2021 का है, जब 48 वर्षीय महिला प्रज्वल रेवन्ना के फार्महाउस और फिर उनके बेंगलुरु स्थित घर में काम करती थी। उसी दौरान दो बार उसके साथ बलात्कार हुआ। रेवन्ना ने इसका वीडियो भी अपने मोबाइल में रिकॉर्ड किया था।
यह मामला चार बलात्कार और यौन शोषण के मामलों में से पहला है, जिसमें फैसला आया है। अदालत ने उन्हें दोषी ठहराते हुए 10 लाख रुपये जुर्माने का आदेश भी दिया है। सुनवाई के दौरान प्रज्वल ने खुद को निर्दोष बताया और कम सजा की मांग करते हुए कहा कि उन्हें राजनीति में तेज़ी से आगे बढ़ने की सज़ा मिल रही है। उन्होंने दावा किया कि कोई भी महिला खुद से शिकायत लेकर नहीं आई थी, बल्कि चुनाव से ठीक पहले उन्हें उकसाया गया।
इस केस में SIT ने लंबी जांच के बाद 113 गवाहों के बयान और 1,632 पन्नों का चार्जशीट दाखिल किया। अदालत ने पीड़िता की गवाही के साथ-साथ डिजिटल सबूत, डीएनए रिपोर्ट और कपड़ों की फॉरेंसिक जांच को भी अहम माना।
रेवन्ना पर IPC की कई धाराओं के तहत केस दर्ज है, जिनमें बलात्कार, यौन शोषण, धमकी देना, सबूत मिटाना और गोपनीयता का उल्लंघन शामिल है। SIT के मुताबिक प्रज्वल के खिलाफ ऐसे चार केस दर्ज हैं।
प्रज्वल पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस नेता एच.डी. देवेगौड़ा के पोते हैं। यह मामला तब सुर्खियों में आया जब चुनाव से पहले अश्लील वीडियो वाली एक पेन ड्राइव सामने आई। इसके बाद प्रज्वल को पिछले साल जर्मनी से लौटने पर गिरफ्तार कर लिया गया। वे हासन लोकसभा सीट से चुनाव हार गए और जेडीएस ने उन्हें पार्टी से सस्पेंड कर दिया था।