Delhi News: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रविवार को आईआईटी दिल्ली का दौरा किया, जहां उन्होंने स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी कर रहे छात्रों, शोधकर्ताओं और इनोवेटरों से सीधा संवाद किया। इस मौके पर उन्होंने युवाओं से कहा कि वे आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए नए-नए विचारों और नवाचार को बढ़ावा दें।
धर्मेंद्र प्रधान ने छात्रों से बातचीत के दौरान कहा कि वर्तमान समय भारत के लिए बहुत खास है। हमारे पास यह मौका है कि हम आत्मनिर्भरता की दिशा में तेजी से आगे बढ़ें, राष्ट्रीय प्राथमिकताओं पर ध्यान दें और 2047 तक देश को समृद्ध और विकसित भारत बनाने के विजन को साकार करें। उन्होंने कहा कि सरकार हर कदम पर युवाओं के साथ खड़ी है और चाहती है कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भारत को एक उज्ज्वल भविष्य मिले।
उन्होंने बताया कि आज भारत नवाचार और समाधान का वैश्विक केंद्र बनने की ओर बढ़ रहा है। इसमें युवाओं का योगदान सबसे अहम है। छात्रों की प्रतिभा, मेहनत और दृढ़ संकल्प न केवल देश की तकनीकी क्षमताओं को मजबूत करेगा, बल्कि आर्थिक संप्रभुता यानी आर्थिक आत्मनिर्भरता को भी और मजबूत करेगा।
शिक्षा मंत्री ने युवाओं से आग्रह किया कि वे अपनी क्षमताओं को लगातार निखारें, नई-नई सोच और तकनीकी विचार लेकर आएं। उन्होंने कहा कि नवाचार सिर्फ पढ़ाई या शोध तक सीमित नहीं होना चाहिए, बल्कि यह जीवन के हर क्षेत्र में होना चाहिए। उन्होंने छात्रों को प्रोत्साहित किया कि वे चुनौतियों का सामना करें, समस्याओं के समाधान खोजें और हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में प्रयास करते रहें।
इस अवसर पर उच्च शिक्षा विभाग के सचिव डॉ. विनीत जोशी, आईआईटी दिल्ली के निदेशक प्रोफेसर रंगन बनर्जी और शिक्षा मंत्रालय व आईआईटी दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर इस बात पर जोर दिया कि भारत का भविष्य युवाओं के हाथ में है और यदि छात्र अपनी रचनात्मक सोच का इस्तेमाल करें तो भारत दुनिया का नेतृत्व कर सकता है।
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