विपक्ष की तरफ से लगातार “वोट चोरी” और चुनाव में गड़बड़ी के आरोप लगाए जा रहे थे। इन आरोपों पर जवाब देते हुए भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने साफ कहा कि चुनाव आयोग के लिए सभी राजनीतिक दल बराबर हैं। “कोई पक्ष या विपक्ष नहीं है। सभी दल समकक्ष हैं और आयोग अपने संवैधानिक कर्तव्यों से कभी पीछे नहीं हटेगा।”
उन्होंने बताया कि पिछले कई सालों से राजनीतिक दल मतदाता सूची (Voter List) में गलतियों को सुधारने की मांग करते रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए आयोग ने बिहार से विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू की। इस प्रक्रिया में सभी मतदाताओं, बूथ स्तर के अधिकारियों और राजनीतिक दलों के लगभग 1.6 लाख बूथ लेवल एजेंट (BLA) शामिल हुए। मिलकर एक नई मसौदा सूची तैयार की गई।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि संविधान के अनुसार हर भारतीय नागरिक जो 18 साल का हो जाता है, उसे वोटर बनना और मतदान करना चाहिए। यह उसका अधिकार और कर्तव्य है।
विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि हाल ही में कई मतदाताओं की तस्वीरें मीडिया में बिना अनुमति दिखा दी गईं। यह गलत है। उन्होंने सवाल उठाया – “क्या आयोग को महिलाओं, माताओं-बहनों या बेटियों के सीसीटीवी फुटेज सबके सामने पेश करने चाहिए? यह मतदाताओं की निजता का उल्लंघन होगा।”
ज्ञानेश कुमार ने यह भी कहा कि लोकसभा चुनावों में 1 करोड़ से ज्यादा कर्मचारी, 10 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट और 20 लाख से ज्यादा प्रत्याशियों के पोलिंग एजेंट काम करते हैं। इतनी पारदर्शी प्रक्रिया में वोट चोरी संभव ही नहीं है। उन्होंने कहा कि “कुछ लोग दोहरे मतदान का आरोप लगाते हैं लेकिन सबूत देने में नाकाम रहते हैं। ऐसे झूठे आरोपों से न तो चुनाव आयोग डरता है और न ही कोई मतदाता।”
अंत में उन्होंने साफ कहा – “चुनाव आयोग पर हमला कर राजनीति की जा रही है, लेकिन हम निडर होकर देश के हर नागरिक – गरीब, अमीर, बुजुर्ग, महिला और युवा – सभी के साथ चट्टान की तरह खड़े हैं और हमेशा खड़े रहेंगे।”
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