पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि आज पूरा पंजाब नशे के खिलाफ खड़ा है और हर नागरिक सरकार का साथ दे रहा है। उन्होंने दोहराया कि राज्य सरकार नशे को जड़ से खत्म करने के लिए आर-पार की लड़ाई लड़ रही है। सीएम मान ने पंजाबियों का आभार जताते हुए कहा कि यह लड़ाई अब जन आंदोलन बन चुकी है।
सीएम ने पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर उन्होंने ड्रग माफिया को संरक्षण न दिया होता तो पंजाब को इतनी बड़ी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता। उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने ड्रग नेटवर्क तोड़ने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई की है। नशा तस्करों की संपत्तियां बुलडोजर से गिराई गईं, नेताओं और सप्लायर्स को जेल भेजा गया और गांवों-शहरों में बचाव कमेटियां बनाई गईं। गर्व की बात यह है कि अब कई गांव खुद को नशा मुक्त घोषित कर रहे हैं।
मान ने बताया कि पंजाब, पाकिस्तान से लगती 553 किलोमीटर लंबी सीमा पर एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। यह कदम सीमा पार से होने वाली तस्करी को रोकने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि राज्य में गैंगस्टरों के खिलाफ भी एक विशेष एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स बनाई गई है।
सीएम ने बताया कि उनकी सरकार ने "मुख्यमंत्री सेहत योजना" शुरू की है, जिसके तहत पंजाब का हर परिवार सरकारी या निजी अस्पताल में 10 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज करवा सकेगा। इस योजना में किसान, व्यापारी, सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी सभी शामिल होंगे, इसमें किसी भी तरह की आय सीमा नहीं होगी। इस योजना का लाभ पंजाब के सभी तीन करोड़ लोग उठा पाएंगे।
फिलहाल राज्य में 881 आम आदमी क्लीनिक चल रहे हैं, जहां रोजाना करीब 70,000 लोग इलाज करवा रहे हैं। आने वाले समय में 200 और क्लीनिक खोले जाएंगे।
सीएम मान ने कहा कि उनकी सरकार पंजाब के विकास और शहीदों के सपनों को साकार करने के लिए पूरी निष्ठा से काम कर रही है और बीते साढ़े तीन साल में कई गारंटियों को पूरा किया गया है।
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