पंजाब में लगातार हो रही बारिश और बाढ़ की वजह से हालात काफी गंभीर बने हुए हैं। इस बीच मुख्यमंत्री भगवंत मान ने राहत और बचाव कार्यों की समीक्षा करने के लिए चंडीगढ़ में एक उच्च-स्तरीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में राज्य के सभी कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों को शामिल होने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री खुद इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे और प्रभावित इलाकों की मदद के लिए आगे की रणनीति तय करेंगे।
बैठक का सबसे बड़ा मकसद यह जानना है कि जमीनी स्तर पर बाढ़ से पीड़ित लोगों तक किस तरह से राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है और कहां-कहां दिक्कतें आ रही हैं। मुख्यमंत्री अधिकारियों से सीधे तौर पर जानकारी लेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि किसी भी प्रभावित परिवार तक मदद पहुंचने में देरी न हो। खासकर राहत शिविरों की स्थिति, भोजन और दवाइयों की सप्लाई, पशुओं के चारे और स्वास्थ्य सुविधाओं पर विशेष चर्चा होगी।
मान सरकार पहले ही बाढ़ संकट से निपटने के लिए कई अहम फैसले ले चुकी है। सरकार ने आठ कैबिनेट मंत्रियों को सीधे फील्ड में भेजा है ताकि वे खुद हालात का जायजा ले सकें। इसके अलावा तुरंत राहत के लिए दो करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। किसानों के नुकसान का सही आकलन करने के लिए विशेष गिरदावरी (फसल का सर्वे) करने के आदेश भी दे दिए गए हैं।
इस बैठक में मुख्यमंत्री भगवंत मान का जोर इस बात पर होगा कि राहत कार्य और तेजी से आगे बढ़ाए जाएं। उनका कहना है कि सरकार पूरी तरह से प्रभावित लोगों के साथ खड़ी है और किसी को भी मदद के बिना नहीं छोड़ा जाएगा। राज्य सरकार चाहती है कि हर जरूरतमंद तक समय पर भोजन, दवा और आश्रय की सुविधा पहुंचे ताकि बाढ़ जैसी आपदा से निपटने में लोगों को किसी भी तरह की परेशानी न हो।
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