What is Glutathione : बॉलीवुड और ग्लैमर की दुनिया में यंग दिखना सिर्फ एक चॉइस नहीं, बल्कि कई बार दबाव बन जाता है. हाल ही में एक्ट्रेस शेफाली जरीवाला की मौत के बाद एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ. पुलिस जांच में ये सामने आया कि वो स्किन को ग्लोइंग और जवां बनाए रखने के लिए नियमित रूप से कई तरह की दवाएं और सप्लीमेंट्स ले रही थीं. इनमें सबसे ज्यादा चर्चा जिस चीज को लेकर है, वो है- ग्लूटाथियोन इंजेक्शन.
ये नाम अब हर किसी की जुबान पर है. क्या वाकई ग्लूटाथियोन से स्किन ग्लो करती है? क्या ये सुरक्षित है? और क्या इसके नेचुरल विकल्प भी मौजूद हैं? चलिए इन सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं.
ग्लूटाथियोन एक प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट है, जो हमारे शरीर में खुद बनता है. इसे लिवर बनाता है और जरूरत के हिसाब से इसे शरीर के विभिन्न हिस्सों में भेजा जाता है. ये शरीर की कोशिकाओं को रिपेयर करने, टॉक्सिन्स को बाहर निकालने और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाने में मदद करता है.
हालांकि, खराब लाइफस्टाइल- जैसे धूम्रपान, शराब, खराब डाइट और नींद की कमी- ग्लूटाथियोन के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं.
ग्लूटाथियोन स्किन के रंग को प्रभावित करने वाले मेलेनिन पिग्मेंट को कंट्रोल करता है. जब शरीर में इसकी मात्रा बढ़ती है, तो ये मेलेनिन के प्रोडक्शन को घटाकर स्किन को हल्का और ब्राइट बनाने में मदद करता है. लेकिन ध्यान रहे- ये किसी के स्किन टोन को पूरी तरह बदल नहीं सकता और जरूरत से ज्यादा या बिना डॉक्टरी सलाह के लेने पर इसके साइड इफेक्ट्स भी हो सकते हैं.
हां, बिल्कुल.. बिना किसी दवा या इंजेक्शन के भी आप अपने शरीर में ग्लूटाथियोन का लेवल हेल्दी रख सकते हैं.
सल्फर ग्लूटाथियोन के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है. ये मछली, ब्रोकोली, ब्रसेल्स स्प्राउट्स, फूलगोभी, केल और सरसों के साग जैसे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है.
विटामिन C एक पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट है, जो ग्लूटाथियोन को स्टेबल बनाए रखता है. स्ट्रॉबेरी, खट्टे फल, कीवी, पपीता और शिमला मिर्च इसके अच्छे स्रोत हैं.
सेलेनियम भी ग्लूटाथियोन के उत्पादन में मदद करता है. इसे ब्राजील नट्स, मछली और ऑर्गन मीट से लिया जा सकता है.
कुछ फूड्स में ग्लूटाथियोन नैचुरली पाया जाता है, जैसे:
पालक एवोकाडो शतावरी भिंडी
हालांकि, पकाने और स्टोर करने की प्रक्रिया इनमें मौजूद ग्लूटाथियोन को कम कर सकती है. फिर भी ये ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने में मददगार हो सकता है.
नींद की कमी ग्लूटाथियोन की मात्रा को घटा सकती है. हर दिन कम से कम 7–8 घंटे की नींद जरूरी है. कार्डियो और वेट ट्रेनिंग जैसी एक्सरसाइज शरीर में ग्लूटाथियोन को नैचुरली बढ़ा सकती हैं. अत्यधिक शराब ग्लूटाथियोन के स्तर को गिरा सकती है, इसलिए इसे सीमित करें.