मुंबई : सस्पेंस, थ्रिल और दमदार अदाकारी से भरपूर एक फिल्म जिसने 90 के दशक के लोगों को चौंका दिया था- गुप्त: द हिडेन ट्रुथ. ये सिर्फ एक आम मर्डर मिस्ट्री नहीं थी, बल्कि एक ऐसा सिनेमा एक्सपीरिएंस था जो अंत तक लोगों को बांधे रखने में कामयाब रहा. इस फिल्म की सबसे बड़ी खासियत थी इसमें काजोल का निगेटिव किरदार, जो उस दौर में बहुत कम देखने को मिलता था.
जहां एक तरफ बॉबी देओल और मनीषा कोइराला की जोड़ी ने दिल जीते, वहीं काजोल के अप्रत्याशित विलेन अवतार ने लोगों को चौंका दिया. फिल्म के आखिरी सीन तक ये अंदाजा लगाना मुश्किल था कि असली कातिल कौन है.
गुप्त को डायरेक्ट किया था राजीव राय ने और इसे प्रोड्यूस किया था गुलशन राय के साथ मिलकर. फिल्म की कहानी, स्क्रीनप्ले और संगीत सभी ने मिलकर इसे एक कंप्लीट पैकेज बना दिया. फिल्म की स्टारकास्ट थी:
बॉबी देओल – साहिल सिन्हा के किरदार में. काजोल – ईशा दीवान, जो फिल्म की सबसे चौंकाने वाली भूमिका में थीं. मनीषा कोइराला – शीतल, साहिल की मददगार और प्रेमिका.
सहायक भूमिकाओं में परेश रावल, ओम पुरी, रजा मुराद, प्रेम चोपड़ा और कुलभूषण खरबंदा जैसे मंजे हुए कलाकारों ने फिल्म को और भी मजबूत बनाया.
1997 में 4 जुलाई को रिलीज हुई गुप्त ने टिकट खिड़की पर जबरदस्त प्रदर्शन किया. फिल्म का बजट लगभग 9 करोड़ रुपये था, लेकिन इसने वर्ल्डवाइड करीब 33.15 करोड़ रुपये की कमाई की. ये उस समय के लिहाज से बड़ी उपलब्धि थी और फिल्म को ‘हिट’ का टैग मिला.
फिल्म के संगीत निर्देशक थे विजु शाह, जिन्होंने एक से बढ़कर एक गाने दिए. कुछ यादगार ट्रैक थे:
गुप्त गुप्त दुनिया हसीनों का मेला मेरे ख्वाबों में तू ये प्यासी मोहब्बत
इन गानों ने न सिर्फ फिल्म की पॉपुलैरिटी बढ़ाई बल्कि आज भी 90 के दशक की हिट प्लेलिस्ट में शामिल हैं.
अगर आप इस थ्रिलर क्लासिक को फिर से देखना चाहते हैं या पहली बार एक्सपीरियंस करना चाहते हैं, तो गुप्त: द हिडेन ट्रुथ आज कई प्रमुख ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर उपलब्ध है (अपडेटेड जानकारी के लिए ओटीटी की वेबसाइट पर चेक करें).
इस फिल्म की सबसे यादगार बात थी काजोल का नेगेटिव रोल. उन्होंने ईशा दीवान के किरदार को इतनी संजीदगी और क्रेज के साथ निभाया कि इस रोल के लिए उन्हें ‘बेस्ट विलेन’ और ‘बेस्ट परफॉर्मेंस’ जैसे कई पुरस्कार भी मिले.
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