एक दौर था जब रसोई में मिट्टी के चूल्हे और लकड़ियां जलाकर खाना पकाया जाता था. समय के साथ तकनीक बदली और अब हर घर में एलपीजी गैस चूल्हा आम बात हो गई है. सुबह की पहली चाय से लेकर रात के खाने तक, हर भोजन की नींव अब इसी गैस सिलेंडर पर टिकी होती है. लेकिन अगर उस गैस कनेक्शन के मालिक की मौत हो जाए तो सवाल उठता है – अब क्या होगा?
अक्सर लोग यह सोचते हैं कि अगर कनेक्शन मालिक नहीं रहा तो गैस सेवा भी खत्म हो जाएगी. जबकि सच्चाई यह है कि गैस कनेक्शन बंद नहीं होता, बल्कि उसे ट्रांसफर कराया जा सकता है. पर कई लोग इस प्रक्रिया से अनजान होते हैं, जिसकी वजह से उन्हें बाद में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
अगर गैस कनेक्शन के मालिक की मृत्यु हो जाए तो उसके बाद नए व्यक्ति के नाम पर कनेक्शन ट्रांसफर करवाने के लिए कुछ जरूरी स्टेप्स अपनाने पड़ते हैं:
1. सबसे पहले अपनी नजदीकी गैस एजेंसी से संपर्क करें.
2. वहां एक लिखित आवेदन दें जिसमें ओनरशिप ट्रांसफर की रिक्वेस्ट की जाए.
3. पुराने ओनर का डेथ सर्टिफिकेट, नए ओनर की आईडी प्रूफ, एड्रेस प्रूफ और रिश्ता साबित करने वाला दस्तावेज़ जमा करें.
4. सभी डॉक्युमेंट्स वेरिफाई होने के बाद एजेंसी नया नाम रिकॉर्ड में अपडेट कर देती है.
यह पूरी प्रक्रिया कुछ दिनों में पूरी हो जाती है.
अधिकतर मामलों में परिवार के ही किसी सदस्य को ट्रांसफर किए जाने पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाता. एजेंसी सिर्फ दस्तावेजों की जांच करती है. हालांकि, अगर नए सिलेंडर या रेगुलेटर की जरूरत हो, या सेफ्टी डिपॉजिट ट्रांसफर किया जाए, तो कुछ मामूली चार्जेस लग सकते हैं. इसके बदले एजेंसी आपको रसीद देती है.
अगर समय रहते सही जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध हों तो गैस कनेक्शन ट्रांसफर एक आसान और पारदर्शी प्रक्रिया है. बेहतर होगा कि किसी भी भ्रम से बचने के लिए पहले ही अपनी गैस एजेंसी से स्पष्ट जानकारी ले लें.
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