साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म शोले का एक डॉयलाग “तेरा क्या होगा कालिया?” आज एयरलाइन इंडिगो की स्थिति पर सटीक बैठता है. लगातार फ्लाइट रद्द होने और शेयर गिरावट के कारण इस समय निवेशकों के बीच चिंता बढ़ी है.
इंडिगो की पेरेंट कंपनी इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड के शेयर सोमवार को 10% तक गिरकर 4,842 रुपये पर आ गए. ये सातवें दिन लगातार नुकसान है. छह दिनों में शेयर 16.4% गिर चुका है, जिससे मार्केट वैल्यू में 37,000 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आई है.
इंडिगो नई फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन के कारण ऑपरेशन में गड़बड़ी झेल रही है. नए नियमों के चलते क्रू शेड्यूल सेट करना मुश्किल हो गया और पायलटों की भारी कमी हो गई. इसके परिणामस्वरूप सेवा लगभग ठप हो गई. सिर्फ शुक्रवार को ही 1,000 से ज्यादा फ्लाइटें रद्द करनी पड़ीं, जो इंडिगो के रोज के ऑपरेशन का लगभग आधा हिस्सा है. इससे देश भर के एयरपोर्ट पर हजारों यात्री फंसे रहे.
बाजार में दिक्कतों को देखते हुए ब्रोकरेज फर्मों ने टारगेट प्राइस कम करना शुरू कर दिया है. UBS ने खरीद की सलाह जारी रखी है, लेकिन एयरलाइन की कम तैयारी और नए नियमों के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए टारगेट प्राइस घटाकर 6,350 रुपये कर दिया गया.
इंटरनेशनल ब्रोकरेज ने नए नियमों के पालन के लिए अतिरिक्त क्रू की जरूरत और रुपये के मुकाबले डॉलर की कमजोरी के कारण खर्च बढ़ने का अनुमान लगाया है. हालांकि, UBS का मानना है कि इंडिगो की लंबी अवधि की ग्रोथ मजबूत रहेगी, खासकर इसके इंटरनेशनल विस्तार के कारण.
डीजीसीए ने इंडिगो के CEO पीटर एल्बर्स को पूरे भारत में यात्रियों को प्रभावित करने वाली फ्लाइट समस्याओं के कारण, कारण बताओ नोटिस भेजा है. उन्हें 24 घंटे में जवाब देने के लिए कहा गया है कि नियमों के तहत कार्रवाई क्यों नहीं की गई. हालांकि हाल की गिरावट के बावजूद, इंडिगो का शेयर इस साल अब तक 7% ऊपर रहा है.
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