कांवड़ यात्रा से पहले ही लगा ब्रेक! दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर सफर करने वालों के लिए जरूरी खबर

कांवड़ यात्रा के चलते मेरठ से यूपी गेट तक DME पूरी तरह बंद रहेगा. भारी वाहन 11 जुलाई से ही रोक दिए जाएंगे. NH-9 रहेगा खुला, लेकिन जाम की आशंका. पुलिस ने डायवर्जन प्लान जारी किया- यात्रियों को सावधान रहने की जरूरत!

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हर साल की तरह इस बार भी कांवड़ यात्रा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क है. इसी कड़ी में दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) को 19 जुलाई से 23 जुलाई तक आम वाहनों के लिए पूरी तरह से बंद करने का फैसला लिया गया है. ये दिन सावन महीने की शिवरात्रि तक जारी रहेंगे. गाजियाबाद प्रशासन के अनुसार, ये पाबंदी मेरठ के काशी टोल प्लाजा से लेकर यूपी गेट, गाजियाबाद तक के 56 किलोमीटर हिस्से पर लागू रहेगी.

इस दौरान केवल कांवड़ यात्रियों को ही इस एक्सप्रेसवे पर चलने की अनुमति होगी. आम लोगों को वैकल्पिक मार्गों का सहारा लेना होगा.

भारी वाहनों की एंट्री पहले ही बंद

दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर भारी वाहनों का प्रवेश पहले ही 11 जुलाई से बंद कर दिया जाएगा. इसके बाद 19 जुलाई से हल्के वाहन जैसे कारें और अन्य निजी वाहन भी इस रूट पर नहीं चल सकेंगे. इससे दिल्ली, नोएडा, मेरठ और आस-पास के इलाकों में यात्रा करने वालों को असुविधा हो सकती है. हालांकि, NH-9 आम यात्रियों के लिए खुला रहेगा, लेकिन इस पर भारी ट्रैफिक दबाव की संभावना है.

ये मार्ग रहेंगे चालू

प्रशासन ने यात्रियों की सुविधा को देखते हुए कुछ रूट तय किए हैं:

मेरठ से गाजियाबाद आने वाले हल्के वाहन – हापुड़ होते हुए NH-9 से गुजर सकेंगे. गाजीपुर की ओर से आने वाले भारी वाहन – डासना होकर ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे (EPE) से मेरठ भेजे जाएंगे. बागपत से दिल्ली जाने वाले वाहन – ट्रॉनिका सिटी और सोनिया विहार के रास्ते डायवर्ट किए जाएंगे. हापुड़ व बुलंदशहर से गाजियाबाद की ओर आने वाले वाहन – डासना ब्रिज से डायवर्ट होंगे. लोनी बॉर्डर पर भारी वाहनों की एंट्री पूरी तरह बंद रहेगी.

पिछले साल हुआ था भीषण जाम

पिछले वर्षों की तरह इस बार भी यात्रा के दौरान भारी ट्रैफिक की आशंका है. 2023 में भी एक अस्थायी डायवर्जन के चलते NH-9 पर हजारों वाहन कई घंटों तक फंसे रहे थे. DND फ्लाईवे, नोएडा एक्सप्रेसवे और EPE पर भी लंबा जाम लगा था.

इस बार गाजियाबाद ट्रैफिक पुलिस ने विशेष योजना तैयार की है ताकि ऐसी स्थिति न दोहराई जाए.

तीन मुख्य मार्गों से गुजरते हैं कांवड़ यात्री

हर साल लाखों श्रद्धालु हरिद्वार से गंगाजल लाकर अपने क्षेत्र के शिव मंदिरों में चढ़ाते हैं। गाजियाबाद जिले में इन तीन मुख्य मार्गों पर श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलती है:

1. लोनी बॉर्डर से निवाड़ी तक की पाइपलाइन रोड – पैदल यात्रियों के लिए प्रमुख रूट. 2. दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (DME) – तेज रफ्तार डाक कांवड़ियों का पसंदीदा मार्ग. 3. NH-34 (जीटी रोड) – कांवड़ यात्रा का पारंपरिक और व्यस्त मार्ग.

सावधानी और सहयोग की अपील

प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे यात्रा के इन खास दिनों में धैर्य और सहयोग बनाए रखें. वैकल्पिक मार्गों की जानकारी पहले से लेकर ही सफर की योजना बनाएं ताकि असुविधा से बचा जा सके. साथ ही श्रद्धालुओं की आस्था को सम्मान देते हुए यात्रा के दौरान ट्रैफिक नियमों का पालन करें.