बेटी गड्ढे में गिरी तो सड़क पर लेट गए पिता, कहा ‘राजनीति नहीं, अब बस…’ देखें Viral Video

कानपुर के बर्रा-8 में एक पिता ने खराब सड़कों और जलभराव के खिलाफ अनोखा विरोध किया. बेटी के गड्ढे में गिरने से नाराज होकर उन्होंने पानी से भरी सड़क पर चटाई और तकिया लेकर लेटकर प्रदर्शन किया.

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उत्तर प्रदेश के कानपुर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने सोशल मीडिया पर हड़कंप मचा दिया है. बर्रा-8 इलाके के राम गोपाल चौराहे पर एक पिता ने खराब सड़कों और जलभराव से परेशान होकर अनोखा विरोध प्रदर्शन किया. यह विरोध नारेबाज़ी या बैनर के ज़रिए नहीं, बल्कि चटाई और तकिया लेकर सड़क पर पानी में लेटकर किया गया. वजह थी उनकी बेटी का स्कूल जाते समय गड्ढे में गिर जाना.

बेटी की गिरने से टूटा सब्र

यह घटना तब हुई जब एक व्यक्ति अपनी छोटी बेटी को स्कूल छोड़ने जा रहा था. रास्ते में राम गोपाल चौराहे के पास सड़क पर पानी जमा था और गड्ढे छिपे हुए थे. अचानक बच्ची फिसलकर गिर गई, वह पूरी तरह भीग गई और डर से सहम गई. यह देखकर पिता बेहद आहत हुए और गुस्से में आकर उन्होंने ठान लिया कि अब वे खामोश नहीं रहेंगे.

सड़क पर चटाई बिछाई और लेट गए

बेटी को घर छोड़ने के बाद उन्होंने वहीं सड़क पर, जहां जलभराव और कीचड़ था, चटाई और तकिया लेकर लेटना शुरू कर दिया. लोगों को पहले तो यह सब एक अजीब सा मज़ाक लगा, लेकिन जैसे ही सच्चाई सामने आई, हर कोई हैरान रह गया. किसी ने इस अनोखे प्रदर्शन का वीडियो बना लिया, जो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है.

ट्रैफिक भी थमा, लोग बोले- ये गुस्सा जायज है

इस प्रदर्शन की वजह से सड़क पर ट्रैफिक भी धीमा हो गया. वहां से गुजरने वाला हर व्यक्ति रुक कर देख रहा था कि कैसे एक आम पिता अपनी बेटी की तकलीफ को आवाज दे रहा है. यह प्रदर्शन दिखाता है कि जब बार-बार शिकायतों के बाद भी सरकार और प्रशासन कोई कदम नहीं उठाते, तो आम जनता को ऐसे रास्ते अपनाने पड़ते हैं.

कई बार शिकायत की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं

प्रदर्शन करने वाले व्यक्ति ने बताया कि वे कई बार स्थानीय पार्षद, विधायक और नगर निगम अधिकारियों से इस सड़क की मरम्मत की मांग कर चुके हैं. लेकिन राम गोपाल चौराहे से आनंद साउथ सिटी तक की सड़क अभी तक टूटी हुई है. बरसात के मौसम में हालात और भी बदतर हो जाते हैं गड्ढों में पानी भर जाता है, जिससे स्कूली बच्चे गिरते हैं और बुज़ुर्गों को चोट लगती है.

“यह राजनीति नहीं, मजबूरी है”

उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रदर्शन किसी राजनीतिक मकसद से नहीं किया गया है. यह एक मजबूरी थी, ताकि प्रशासन जागे और लोगों की समस्याओं को गंभीरता से ले. उनका कहना है कि वह सिर्फ यह चाहते हैं कि सड़क की मरम्मत हो और आम लोगों का सफर सुरक्षित हो.