इंस्टेंट मैसेजिंग ऐप WhatsApp ने यूजर्स की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक और बड़ा कदम उठाया है. प्लेटफॉर्म अब स्कैम और फेक अकाउंट्स पर लगाम लगाने के लिए नए सेफ्टी फीचर्स रोलआउट कर रहा है. ये फीचर्स यूजर्स को अनचाहे ग्रुप्स, फिशिंग अटैक्स और अनजान लोगों से जुड़ी धोखाधड़ी से बचाएंगे.
WABetaInfo की रिपोर्ट के मुताबिक, अगर कोई यूज़र ऐसे WhatsApp ग्रुप में जोड़ा जाता है जिसे किसी अनजान व्यक्ति ने बनाया है, तो अब ऐप एक सेफ्टी ओवरव्यू स्क्रीन दिखाएगा. इसमें यूज़र को ये जानकारी मिलेगी:
1. किसने ग्रुप में जोड़ा?
2. क्या वो व्यक्ति आपके कॉन्टैक्ट में है या नहीं?
3. क्या बाकी सदस्य आपके फोनबुक में हैं?
जब तक यूज़र खुद से निर्णय नहीं लेता कि वह ग्रुप में रहना चाहता है या नहीं, तब तक उस ग्रुप की नोटिफिकेशन्स म्यूट रहेंगी. इससे स्पैम और फिशिंग अटैक्स से काफी हद तक राहत मिलेगी.
WhatsApp ने स्कैम के एक और ट्रेंड की पहचान की है, जहां स्कैमर्स दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से लोगों को WhatsApp पर लाते हैं और फिर धोखाधड़ी करते हैं. इसे रोकने के लिए WhatsApp अब एक नया सेफ्टी अलर्ट फीचर टेस्ट कर रहा है.
यदि कोई यूज़र किसी ऐसे व्यक्ति से चैट शुरू करता है जो उसकी कॉन्टैक्ट लिस्ट में नहीं है, तो एक पॉप-अप नोटिफिकेशन दिखाई देगा, जिसमें उस व्यक्ति से जुड़ी जरूरी जानकारी होगी. इससे यूज़र सोच-समझकर बातचीत शुरू कर सकेगा.
WhatsApp ने हाल ही में जानकारी दी कि उसने 6.8 मिलियन से ज्यादा फर्जी और स्कैम अकाउंट्स को प्लेटफॉर्म से हटाया है. यह साफ संकेत है कि कंपनी अब ऐसे मामलों पर बेहद सख्त हो चुकी है.
कंपनी ने यह भी साफ किया है कि एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन और यूज़र की प्राइवेसी पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा, लेकिन यूज़र सेफ्टी को और बेहतर बनाने के लिए नए फीचर्स लाए जाते रहेंगे.
WhatsApp के ये नए फीचर्स न सिर्फ स्कैमर्स को रोकने में मदद करेंगे, बल्कि यूज़र्स को एक सुरक्षित, भरोसेमंद और कंट्रोल में रहने वाला अनुभव भी देंगे.