ट्रंप के सीजफायर के बाद फिर भड़की जंग! इजरायल ने गाजा पर बरसाए बम, रातभर दहशत में रहा राफा इलाका!

Israel Gaza war 2025: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सीजफायर प्रयास के बाद भी इजरायल और हमास के बीच जंग फिर शुरू हो गई है. इजरायली सेना ने गाजा के राफा इलाके में एयरस्ट्राइक की, जिससे पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई.

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से गाजा में सीजफायर कराने की कोशिश के बाद भी इजरायल और हमास के बीच तनाव फिर बढ़ गया है. रविवार, 19 अक्टूबर 2025 को इजरायली सेना (IDF) ने गाजा के राफा क्षेत्र में एयरस्ट्राइक की है. हालांकि, अभी तक इजरायल की ओर से इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है.

अमेरिका की मध्यस्थता के बावजूद नहीं थमा विवाद

अमेरिका ने हाल ही में दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम की घोषणा कराई थी, लेकिन यह शांति ज्यादा देर टिक नहीं पाई. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका ने हमास पर गाजा पट्टी में फिलिस्तीनी नागरिकों पर हमले की नई योजना बनाने का आरोप लगाया है. इसके बाद से इजरायल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए फिर से सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी.

राफा में इजरायल का हवाई हमला

इजरायली न्यूज चैनल चैनल 12 की रिपोर्ट के अनुसार, IDF ने यह हमला राफा इलाके में किया, जहां हाल ही में आतंकवादियों की गतिविधि देखी गई थी. बताया जा रहा है कि यह एयरस्ट्राइक हमास की उस कार्रवाई का जवाब थी, जिसमें आतंकियों ने इजरायली सेना पर गोलीबारी की थी.

आतंकियों ने सुरंग से किया था हमला

इजरायली डिफेंस फोर्स (IDF) ने जानकारी दी कि शुक्रवार, 17 अक्टूबर 2025 को राफा के पास एक सुरंग से कई आतंकी बाहर आए और उन्होंने इजरायली सैनिकों पर फायरिंग शुरू कर दी. हालांकि, इस हमले में किसी भी सैनिक को चोट नहीं पहुंची. IDF का दावा है कि यह हमला इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा था, इसलिए जवाबी कार्रवाई करना जरूरी था.

बढ़ते तनाव से बढ़ी चिंता

इजरायल और हमास के बीच लगातार बढ़ रहे तनाव ने एक बार फिर मध्य-पूर्व में अस्थिरता बढ़ा दी है. अमेरिका की मध्यस्थता के बाद उम्मीद थी कि दोनों पक्षों में शांति बहाल होगी, लेकिन अब फिर से हवाई हमलों और जवाबी फायरिंग की घटनाएं सामने आ रही हैं.

गाजा में हालात एक बार फिर गंभीर हो गए हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि अगर जल्द ही कूटनीतिक बातचीत शुरू नहीं हुई, तो यह संघर्ष फिर बड़े युद्ध का रूप ले सकता है. ऐसे में दुनिया की नजरें अब एक बार फिर अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर हैं कि वे इस तनाव को कैसे कम करते हैं.