बेहतर प्रशासन और दक्ष सेवाओं के लिए पंजाब सरकार ने एक बड़ा निर्णय लिया है. अब राज्यभर में नागरिकों को सरकारी सुविधाएं और भी आसान ढंग से मिलेंगी. इसके लिए सरकार 44 सेवा केंद्रों को फिर से सक्रिय करने जा रही है. इसमें 16 नए सेवा केंद्र बनाए जाएंगे और 28 पुराने बंद पड़े सेवा केंद्रों को दोबारा चालू किया जाएगा.
पंजाब के सूचना प्रौद्योगिकी और प्रशासनिक सुधार मंत्री अमन अरोड़ा ने बुधवार को पंजाब भवन में पंजाब स्टेट ई-गवर्नेंस सोसायटी (PSEGS) की बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की 22वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस फैसले की घोषणा की. उन्होंने बताया कि इससे नागरिकों को सेवाएं प्राप्त करने का अनुभव और भी संतोषजनक होगा.
बैठक में जानकारी दी गई कि 16 नए सेवा केंद्रों के निर्माण पर लगभग ₹4.10 करोड़ खर्च किए जाएंगे। ये केंद्र राज्य के उन इलाकों में खोले जाएंगे जहां अब तक सेवा केंद्र नहीं हैं या पर्याप्त नहीं हैं. सरकार उन 28 बंद पड़े सेवा केंद्रों को भी फिर से शुरू करने जा रही है, जिनकी पहले कभी सेवाएं दी जाती थीं लेकिन किसी कारणवश बंद हो गए थे। इनके दोबारा सक्रिय होने पर ₹1.54 करोड़ की लागत आएगी.
नागरिकों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए 6 मौजूदा सेवा केंद्रों में अतिरिक्त काउंटर लगाए जाएंगे ताकि लोगों को लंबा इंतजार न करना पड़े और सेवा वितरण में तेजी लाई जा सके. अमन अरोड़ा ने बताया कि वर्तमान में सेवा केंद्रों के माध्यम से परिवहन विभाग की 30 सेवाएं और राजस्व विभाग की 7 सेवाएं नागरिकों को दी जा रही हैं. बैठक में निर्णय लिया गया कि आने वाले समय में इन सेवाओं को और अधिक सुविधाजनक और प्रभावशाली बनाया जाएगा.
अमन अरोड़ा ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि नागरिकों तक सेवाओं की आपूर्ति प्रक्रिया को और अधिक सुचारु और कुशल बनाया जाए. इसका उद्देश्य यही है कि लोग सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने की बजाय सेवा केंद्रों के माध्यम से घर के पास ही अपने जरूरी कार्य करवा सकें.
इस फैसले के साथ पंजाब सरकार डिजिटल और स्मार्ट प्रशासन की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. ई-गवर्नेंस के माध्यम से आम लोगों को समय पर, पारदर्शी और किफायती सेवाएं देने का यह प्रयास राज्य के समावेशी विकास को मजबूत करेगा.
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