चंडीगढ़ की ट्रैफिक व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव किया गया है, जिससे अब शहर में वाहन चालकों को बिना वजह ट्रैफिक पुलिस द्वारा रोके जाने की परेशानी नहीं होगी। अब शहर में चालान काटने का काम सिर्फ सीसीटीवी कैमरों की मदद से किया जाएगा। यानी अगर कोई ट्रैफिक नियम तोड़ता है, तो उसकी जानकारी कैमरे के ज़रिए रिकॉर्ड होगी और उसी आधार पर उसका चालान बनेगा।
इस नई व्यवस्था के तहत, ट्रैफिक पुलिस अब सड़क पर खड़े होकर किसी भी वाहन को नहीं रोकेगी। पुलिस का काम अब सिर्फ ट्रैफिक को नियंत्रित करना और यातायात को सही तरीके से चलाना होगा।
चंडीगढ़ के डीजीपी सागर प्रीत हुड्डा ने सख्त आदेश दिए हैं कि ट्रैफिक लाइट और चौराहों पर मौजूद पुलिसकर्मी किसी भी वाहन को न तो रोक सकते हैं और न ही उसका चालान काट सकते हैं।
अब चालान स्वचालित कैमरा सिस्टम, जैसे कि एएनपीआर (ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन) कैमरों के जरिए होगा। ये कैमरे यह रिकॉर्ड करेंगे कि कोई वाहन तेज़ चल रहा है या रेड लाइट पार कर रहा है, हेलमेट नहीं पहना है या सीट बेल्ट नहीं लगाई है। अगर ऐसा कोई नियम तोड़ा गया, तो उस वाहन के मालिक को घर पर चालान भेज दिया जाएगा।
बाहर के राज्यों से आने वाले वाहन चालकों के लिए भी यह खबर राहत देने वाली है। अब ट्रैफिक पुलिस उन्हें तब तक नहीं रोकेगी, जब तक वे कोई नियम नहीं तोड़ते। पहले शिकायतें मिलती थीं कि बाहर के नंबर वाले वाहनों को बेवजह रोककर परेशान किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
इस बदलाव के पीछे एक कारण यह भी है कि हाल ही में एक ट्रैफिक कांस्टेबल को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया, जिसके बाद उसे तुरंत निलंबित कर दिया गया। इस घटना के बाद अधिकारियों ने तय किया कि ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन को पकड़ने का काम पूरी तरह कैमरों के ज़रिए किया जाए ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी को बेवजह परेशान न किया जाए।
यह नई व्यवस्था चंडीगढ़ में ट्रैफिक सिस्टम को और बेहतर बनाएगी, लोगों का समय बचेगा और रिश्वतखोरी जैसी घटनाओं पर भी रोक लगेगी। साथ ही, यह कदम नियम तोड़ने वालों के खिलाफ सख्ती और ईमानदार लोगों के लिए राहत लाएगा।
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