पंजाब सरकार ने डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाते हुए रेवेन्यू डिपार्टमेंट की चार प्रमुख सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन करने का फैसला लिया है. अब प्रदेश के नागरिक घर बैठे ही फर्द, इंतकाल (विरासत और डीड के आधार पर), रिकॉर्ड सुधार और रपट की विनती जैसी सेवाओं का लाभ ले सकेंगे. इससे न केवल सरकारी दफ्तरों के चक्कर कम होंगे, बल्कि भ्रष्टाचार पर भी लगाम लगेगी.
सरकार की इस पहल का उद्देश्य आवेदन प्रक्रिया को आसान, पारदर्शी और समयबद्ध बनाना है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली सरकार पहले ही “ईजी रजिस्ट्रेशन” सेवा के जरिए जमीन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को ऑनलाइन कर चुकी है, जिसने जनता के बीच भरोसा और पारदर्शिता का माहौल बनाया. अब उसी मॉडल को इन चार सेवाओं में भी लागू किया जा रहा है.
विरासत के आधार पर इंतकाल
डीड के आधार पर इंतकाल
फर्द बदर (रिकॉर्ड सुधार)
रपट की विनती
चंडीगढ़ में हुआ प्रशिक्षण सत्र
रविवार को चंडीगढ़ में इस डिजिटल व्यवस्था को लेकर एक व्यापक प्रशिक्षण सत्र आयोजित किया गया, जिसमें प्रदेश भर के फर्द केंद्रों, सेवा केंद्रों, तकनीकी सहायकों और जिला प्रबंधकों को शामिल किया गया. सत्र के दौरान कर्मचारियों को डिजिटल फॉर्म की प्रोसेसिंग, स्कैनिंग, अपलोडिंग और सत्यापन प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी गई.
समय की बचत- नागरिकों को अब पटवारी या तहसील कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
भ्रष्टाचार पर अंकुश- पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया से घूसखोरी की गुंजाइश कम होगी.
आवेदन ट्रैकिंग- हर नागरिक अपने आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकेगा.
फिक्स अपॉइंटमेंट सिस्टम- यदि किसी दस्तावेज की जरूरत होगी तो तय समय पर बुलाया जाएगा.
रेवेन्यू विभाग की वरिष्ठ डीएसपी प्रिया ज्योति ने बताया कि इस योजना से न सिर्फ आम जनता को राहत मिलेगी, बल्कि विभागीय कामकाज में भी पारदर्शिता और कार्यकुशलता आएगी. आने वाले समय में अन्य सेवाओं को भी चरणबद्ध तरीके से डिजिटल किया जाएगा.
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