खन्ना पुलिस ने करोड़ों रुपये के एक बड़े पोंजी घोटाले का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने बताया कि इस घोटाले में फर्जी कंपनियाँ बनाकर लोगों से ठगी की गई थी। मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि कई आरोपी अभी भी फरार हैं।
पुलिस के अनुसार, जनवरी से जुलाई 2024 के बीच सिर्फ़ सात महीनों में इन फर्जी कंपनियों के 21 बैंक खातों में 122 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इन खातों में से 60 लाख रुपये फ्रीज कर दिए हैं।
गिरफ्तार आरोपियों की पहचान समराला के बिक्रमजीत सिंह (42), हरप्रीत सिंह (25), अमित खुल्लर (43) और अवतार सिंह (47) के रूप में हुई है। इनके पास से पुलिस ने चार लैपटॉप, चार सीपीयू और दो मोबाइल फोन बरामद किए हैं। वहीं, जसप्रीत सिंह, सतविंदर सिंह उर्फ सोना, जतिंदर सिंह उर्फ कमल ग्रेवाल और परविंदर सिंह अभी फरार हैं।
यह मामला तब सामने आया जब फुल्लावाल निवासी जोगिंदर कुमार ने शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि समराला में "द जनरेशन ऑफ फार्मिंग" नाम की कंपनी बनाकर आरोपियों ने उन्हें जैविक खेती में निवेश करने के लिए राज़ी किया। वादा किया गया था कि हर महीने 8% मुनाफ़ा मिलेगा। जोगिंदर कुमार ने अपने साले के साथ मिलकर 25.75 लाख रुपये लगाए, लेकिन उन्हें केवल 3 लाख रुपये ही वापस मिले और बाकी रकम डूब गई।
शिकायत के बाद एफआईआर दर्ज की गई और पुलिस ने "द जनरेशन ऑफ फार्मिंग" के दफ़्तर पर छापा मारकर चार आरोपियों को पकड़ लिया। जांच के दौरान पता चला कि आरोपियों ने कई नामों से अलग-अलग फर्में बनाई थीं, जैसे होप ऑफ फार्मिंग, रंधावा एंटरप्राइजेज, जीएएफ ट्रेडिंग एंटरप्राइजेज, किसान ऑफ पंजाब एग्रो नर्सरी, जीएएफ फैमिली केयर प्रोडक्ट्स और जीएएफ मिल्क प्रोडक्ट्स।
क्योंकि मामला बहुत बड़ा था, खन्ना पुलिस ने एक विशेष जांच दल (SIT) बनाया है। इसकी जिम्मेदारी एसपी (डिटेक्टिव) खन्ना, डीएसपी समराला और इंस्पेक्टर विनोद कुमार को सौंपी गई है। अब इस मामले में और भी शिकायतें सामने आ रही हैं और जांच तेज़ी से जारी है।
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