समाज की असली पहचान तभी होती है जब कमजोर और जरूरतमंद वर्ग को बराबरी का सम्मान मिले. इसी सोच के साथ दिल्ली सरकार ने दिव्यांग नागरिकों और उनके देखभाल करने वाले परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण योजना की शुरुआत की है. इस योजना का मकसद सिर्फ आर्थिक मदद देना ही नहीं, बल्कि दिव्यांगों को सम्मान और सुरक्षा का माहौल प्रदान करना भी है.
दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस नई योजना की घोषणा की है. इसके तहत ऐसे दिव्यांग नागरिक, जो हाई सपोर्ट नीड्स कैटेगरी में आते हैं, उनके परिवार के सदस्य या नियुक्त देखभालकर्ता को हर महीने 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी.
इस राशि का भुगतान सीधे बैंक खाते में किया जाएगा ताकि पारदर्शिता बनी रहे और किसी प्रकार की अनियमितता की गुंजाइश न रहे. सरकार का कहना है कि दिव्यांगों की देखभाल करने वाले लोग अक्सर अपनी नौकरी या कमाई का त्याग कर देते हैं, ऐसे में यह वित्तीय सहयोग उनके जीवन में सहारा साबित होगा.
केवल वही लोग योजना का फायदा उठा पाएंगे जिनके पास वैध दिव्यांगता प्रमाणपत्र होगा. दिव्यांगता कम से कम 40% या उससे अधिक दर्ज होनी चाहिए. जिला स्तर पर बने असेसमेंट बोर्ड से हाई सपोर्ट नीड्स कैटेगरी का सर्टिफिकेट प्राप्त करना अनिवार्य है. लाभार्थी दिल्ली का निवासी होना चाहिए और पिछले कम से कम 5 साल से राजधानी में रह रहा हो.
हर योजना की तरह इसमें भी कुछ शर्तें हैं. सरकार ने स्पष्ट किया है कि कुछ लोग इस योजना से बाहर रहेंगे.
जिनकी दिव्यांगता 40% से कम है, उन्हें इसका लाभ नहीं मिलेगा. 1 लाख रुपये से अधिक वार्षिक आय वाले परिवार इसमें शामिल नहीं होंगे. जिनके पास हाई सपोर्ट नीड्स कैटेगरी का सर्टिफिकेट नहीं है, उन्हें भी योजना से वंचित रहना होगा. जो लोग पिछले पांच वर्षों से दिल्ली में नहीं रह रहे, वे भी इसके पात्र नहीं होंगे.
दिल्ली सरकार का यह कदम न सिर्फ दिव्यांग नागरिकों बल्कि उनके परिवारों के जीवन स्तर को भी बेहतर बनाएगा. आर्थिक सहयोग मिलने से परिवार अपने प्रियजनों की देखभाल और बेहतर ढंग से कर पाएंगे. इसके अलावा, ये पहल दिव्यांगों के लिए समाज में समान अवसर और सम्मान सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम है.
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