नेपाल के बाद अब फ्रांस में हाहाकार! Paris की सड़कों पर मची तबाही, राष्ट्रपति मैक्रों पर गुस्सा चरम पर!

France protests 2025: फ्रांस में राष्ट्रपति मैक्रों के खिलाफ बड़े प्रदर्शन, पेरिस में आगजनी और झड़प, दर्जनों प्रदर्शनकारी गिरफ्तार, नई राजनीतिक उठापटक के बीच देश तनाव में.

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नेपाल में हुए हिंसक प्रदर्शन के बाद अब फ्रांस में भी बड़े पैमाने पर प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. राजधानी पेरिस सहित कई शहरों में बुधवार (10 सितंबर) को प्रदर्शनकारियों ने सड़कें जाम कर दीं और कई जगह आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं. रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने कचरे के डिब्बे जलाए और पुलिस के साथ भिड़ंत की.

प्रदर्शन की वजह

फ्रांस के लोग राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के खिलाफ नाराज हैं. उनका कहना है कि सरकार ने उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. लोग बढ़ती महंगाई और खराब वित्तीय प्रबंधन से परेशान हैं. इसके अलावा, प्रस्तावित बजट कटौती और सामाजिक सुरक्षा में संभावित बदलावों ने लोगों का गुस्सा और बढ़ा दिया है.

पुलिस और सुरक्षा बलों की कार्रवाई

सुरक्षा बलों को पूरे देश में तैनात किया गया है. कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को जाम कर दिया और पुलिस के साथ झड़प हुई. अधिकारियों ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, देश पूरी तरह से बंद नहीं हुआ है, लेकिन पेरिस की कई सड़कों पर भारी जाम और तनाव की स्थिति बनी हुई है.

संसद और राजनीतिक बदलाव

दो दिन पहले संसद ने प्रधानमंत्री फ्रांस्वा बायरो को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए हटाया था. बायरो देश के बढ़ते कर्ज को नियंत्रित करने में असफल रहे थे, जिसके कारण सरकार पर राजनीतिक दबाव बढ़ गया. इसके बाद राष्ट्रपति मैक्रों ने मंगलवार (9 सितंबर) को सेबास्टियन लेकोर्नू को नया प्रधानमंत्री नियुक्त किया. लेकोर्नू दक्षिणपंथी राजनीति से जुड़े हैं, लेकिन 2017 में उन्होंने मैक्रों का समर्थन किया था.

प्रदर्शनकारी और उनके आंदोलन का असर

फ्रांस में नागरिक लगातार सरकार के खिलाफ अपनी नाराज़गी जताने के लिए सड़कों पर उतर रहे हैं. प्रदर्शनकारी न केवल बजट और वित्तीय नीतियों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं, बल्कि देश की राजनीतिक स्थिरता और नेतृत्व की जवाबदेही पर भी सवाल उठा रहे हैं. प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर दृढ़ हैं और उनकी नाराज़गी बढ़ती जा रही है.

फ्रांस में बढ़ती नाराजगी और हिंसक प्रदर्शन देश के लिए चुनौती बने हुए हैं. नए प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की नीतियों पर अब जनता की नजरें टिकी हैं. आने वाले दिनों में सरकार की कार्रवाई और प्रदर्शनकारियों की प्रतिक्रिया देश के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित कर सकती है.