बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) में सीट बंटवारे पर चर्चा तेज हो गई है। मंगलवार को दिल्ली में एक अहम बैठक हुई, जिसमें एलजेपी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, बीजेपी के बिहार प्रभारी विनोद तावड़े, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान और बिहार के मंत्री मंगल पांडे शामिल हुए।
यह बैठक लगभग 45 मिनट तक चली, जिसमें बिहार चुनाव की रणनीति और सीटों के बंटवारे को लेकर विस्तार से चर्चा हुई। सूत्रों के अनुसार, बातचीत का मुख्य मुद्दा यह तय करना था कि एनडीए के किन दलों को कितनी सीटें दी जाएंगी।
गठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर सबसे बड़ी चुनौती छोटे दलों की मांगें हैं। सूत्रों का कहना है कि जीतनराम मांझी की पार्टी 15 सीटों पर अड़ी है, जबकि चिराग पासवान की पार्टी 30 सीटों की मांग कर रही है। मांझी पहले ही कह चुके हैं कि अगर उनकी पार्टी को 15 से कम सीटें मिलीं, तो वह अकेले 100 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। ऐसे में एनडीए के भीतर सीटों का फॉर्मूला तय करना मुश्किल हो गया है। बीजेपी अब अपने सहयोगियों को मनाने में जुटी है ताकि गठबंधन में एकता बनी रहे और किसी तरह का मतभेद न हो।
इससे पहले रविवार को भी धर्मेंद्र प्रधान और विनोद तावड़े ने जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह, जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा से मुलाकात की थी। उस बैठक में भी सीट शेयरिंग को लेकर चर्चा हुई थी, लेकिन अंतिम निर्णय नहीं हो सका।
उधर, मंगलवार को जेडीयू के कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार झा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मुलाकात की। यह बैठक मुख्यमंत्री आवास पर हुई, जहां टिकट वितरण और
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