पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले के नागरकाटा में सोमवार को बीजेपी के विधायक शंकर घोष और मालदा उत्तर के सांसद खगेन मुर्मू पर भीड़ ने हमला कर दिया. दोनों नेता बाढ़ प्रभावित लोगों की मदद और राहत कार्य के लिए मौके पर पहुंचे थे. इस हमले में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें स्थानीय अस्पताल में भर्ती करवाया गया है.
घटना के समय खगेन मुर्मू का सिर फूट गया और काफी खून बहने लगा. साथ ही, भीड़ ने नेताओं की गाड़ियों को भी तोड़ दिया. BJP नेताओं ने इस हमले को तृणमूल कांग्रेस (TMC) की साजिश करार दिया है.
भाजपा आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, "बंगाल में टीएमसी का जंगल राज! आदिवासी नेता और उत्तर मालदा से दो बार के सांसद खगेन मुर्मू पर टीएमसी के गुंडों ने हमला किया. वे बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित लोगों की मदद करने जा रहे थे. जो लोग जनता की सेवा कर रहे हैं, उन पर हमले किए जा रहे हैं. यही है टीएमसी का बंगाल."
भाजपा नेताओं का कहना है कि यह हमला योजनाबद्ध तरीके से किया गया और इसका उद्देश्य भाजपा नेताओं को डराना और राहत कार्यों से उन्हें रोकना है.
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुकांता मजूमदार ने एएनआई से बात करते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल में लोकतंत्र खतरे में है. उन्होंने आरोप लगाया कि TMC ने स्थानीय लोगों को उकसाकर और राजनीतिक विरोधाभावों का फायदा उठाकर सांसद और विधायक पर हमला करवाया.
मजूमदार ने कहा, "ममता बनर्जी ने उत्तर बंगाल में स्थिति बिगाड़ दी है. यह पूरी घटना उनके संज्ञान में हुए बिना संभव नहीं हो सकती. TMC की यह हरकत उनके राजनीतिक संकट से ध्यान हटाने के लिए की गई योजना का हिस्सा लगती है."
विशेषज्ञों का मानना है कि इस घटना ने राज्य की राजनीतिक स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है. बाढ़ राहत कार्य के दौरान हुए हमले ने यह दिखा दिया कि राजनीतिक द्वंद्व अब सीधे जनता और राहत कार्यों तक पहुँच रहा है.
इस घटना ने राज्य में सुरक्षा और प्रशासनिक ढांचे पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. भाजपा नेताओं का कहना है कि अब वह इस मामले को लेकर उच्च स्तर पर कार्रवाई की मांग करेंगे.
पश्चिम बंगाल में इस घटना ने राजनीतिक उबाल बढ़ा दिया है और आने वाले समय में विधानसभा चुनावों की दिशा पर भी असर डाल सकती है.