बिहार विधानसभा चुनाव इस बार दो चरणों में आयोजित किए जाएंगे. इलेक्शन कमिशन ने घोषणा की है कि पहले चरण में 121 सीटों पर मतदान होगा और दूसरे चरण में 122 सीटों पर वोटिंग होगी. पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा. चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे.
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बताया कि बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता मतदान करेंगे. उन्होंने कहा कि इस बार कई नई पहल की जा रही हैं, जो भविष्य में पूरे देश में लागू की जाएंगी. उदाहरण के लिए, एक पोलिंग बूथ पर 1200 से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे. बिहार में कुल 90,700 पोलिंग बूथ होंगे, जिनमें से 1,044 बूथ महिलाओं द्वारा संचालित किए जाएंगे. इसके अलावा करीब 1,000 मॉडल पोलिंग बूथ भी होंगे.
ज्ञानेश कुमार ने यह भी कहा कि हर पोलिंग स्टेशन ग्राउंड फ्लोर पर ही होगा, ताकि बुजुर्ग और दिव्यांग आसानी से मतदान कर सकें. उन्होंने जिलाधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि किसी भी तरह से उम्मीदवारों और मतदाताओं को धमकी नहीं मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अवैध लेनदेन और उम्मीदवारों के खर्चों पर भी कड़ी नजर रखी जाएगी. चुनाव आयोग ने कुल 17 नए कदम उठाए हैं, जिन्हें भविष्य में अन्य राज्यों में भी लागू किया जाएगा.
इस चुनाव में 14 लाख मतदाता पहली बार वोट डालेंगे. उनके लिए नए वोटर आईडी कार्ड जारी किए गए हैं. मतदाता अपने मोबाइल पोलिंग बूथ के ठीक बाहर जमा कर सकते हैं और मतदान के बाद उसे वापस ले सकते हैं.
इलेक्शन कमिशन ने हर सीट पर एक पर्यवेक्षक तैनात करने की घोषणा की है, जो वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा संभाले जाएंगे. इसके अलावा मतदाता और BLO (बुनियादी निर्वाचन अधिकारी) से संपर्क करने के लिए ECINET प्लेटफॉर्म उपलब्ध रहेगा. चुनाव से जुड़ी शिकायतों और जानकारी के लिए 1950 हेल्पलाइन नंबर भी डायल किया जा सकता है. इसे डायल करने से पहले +91 और क्षेत्र का STD कोड डालना होगा.
कुल मिलाकर, बिहार में इस बार साढ़े 8 लाख चुनाव कर्मी मतदान और परिणाम प्रक्रिया में लगे रहेंगे. यह चुनाव न केवल तकनीकी रूप से आधुनिक होगा, बल्कि मतदाताओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पारदर्शी और निष्पक्ष तरीके से संपन्न कराया जाएगा.
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