UPSC Exam : संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) ने अपनी भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए एक महिला अभ्यर्थी पर सख्त कार्रवाई की है. अनुचित साधनों का इस्तेमाल करने के आरोप में आयोग ने उसकी उम्मीदवारी रद्द कर दी है और आने वाले तीन सालों तक आयोग की किसी भी परीक्षा में शामिल होने से रोक लगा दी है.
अधिकारियों के अनुसार, हाल ही में आयोजित एक भर्ती परीक्षा के दौरान अभ्यर्थी के पास आपत्तिजनक सामग्री पाई गई. जांच में यह साफ हुआ कि उम्मीदवार ने परीक्षा नियमों का उल्लंघन किया और अनुचित तरीकों का सहारा लिया. इसके चलते न केवल वर्तमान वर्ष की परीक्षा से उसकी उम्मीदवारी रद्द की गई, बल्कि भविष्य की परीक्षाओं में भी शामिल होने से रोक लगा दी गई.
यूपीएससी ने लिंक्डइन पोस्ट के माध्यम से बताया कि आयोग पारदर्शिता और निष्पक्षता के उच्चतम मानकों को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. यूपीएससी अध्यक्ष अजय कुमार ने साफ किया कि किसी भी लेवल पर अनुचित तरीकों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले ट्रेनी आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर पर भी गंभीर आरोप लगे थे. खेडकर पर आरोप था कि उन्होंने फर्जी पहचान का इस्तेमाल कर सिविल सेवा परीक्षा दी और ओबीसी एवं विकलांगता कोटे का गलत लाभ उठाया. इस मामले में आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया था.
यूपीएससी भारत में विभिन्न महत्वपूर्ण भर्ती परीक्षाएं आयोजित करता है, जिनमें शामिल हैं:
सिविल सेवा परीक्षा (IAS, IPS, IFS) भारतीय वन सेवा परीक्षा इंजीनियरिंग सेवा परीक्षा संयुक्त चिकित्सा सेवा परीक्षा संयुक्त रक्षा सेवा (CDS) परीक्षा राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (NDA) एवं नौसेना अकादमी (NA) परीक्षा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सहायक कमांडेंट) परीक्षा EPFO प्रवर्तन/लेखा अधिकारी परीक्षा
इन परीक्षाओं को देश की सबसे प्रतिष्ठित और कठिन परीक्षाओं में गिना जाता है. ऐसे में यूपीएससी की सख्ती यह संदेश देती है कि कड़ी मेहनत और ईमानदारी ही सफलता की कुंजी है.
यह घटना उम्मीदवारों के लिए एक चेतावनी है कि नियमों का उल्लंघन कर सफलता पाने की कोशिश न केवल करियर बर्बाद कर सकती है, बल्कि आने वाले अवसरों को भी बंद कर सकती है. यूपीएससी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसकी प्रक्रियाओं में कोई भी समझौता नहीं किया जाएगा.
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