बेंगलुरु में IPL जीत का जश्न मनाते-मनाते जो मंजर सामने आया, उसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया. जहां जश्न होना था, वहां चीख-पुकार, भगदड़ और मौतें सुर्खियां बन गईं. इसी घटना पर कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार आज मीडिया से बात करते हुए भावुक हो गए.
उन्होंने बताया कि एक पीड़ित मां ने उनसे गुहार लगाई-'बेटे का शव बिना पोस्टमॉर्टम दे दो…' लेकिन ये संभव नहीं था क्योंकि यह कानूनी प्रक्रिया का हिस्सा था. शिवकुमार बोले, 'हम जिम्मेदारी से नहीं भागेंगे, लेकिन जो BJP इस त्रासदी पर राजनीति कर रही है, हम उसका हिस्सा नहीं बनेंगे.'
शिवकुमार ने कहा कि ये मुद्दा अब यह नहीं है कि किसने इवेंट की अनुमति दी, मामला यह है कि जवाबदेही तय होनी चाहिए और होगी. मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने पहले ही मामले की मैजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं और 15 दिन में रिपोर्ट मांगी है. लेकिन असल सवाल यह है कि-जब पूरे शहर को अंदाज़ा था कि RCB की जीत पर लाखों लोग सड़कों पर उतरेंगे, तो क्या प्रशासन सो रहा था?
गृह मंत्री जी परमेश्वर ने चौंकाने वाला खुलासा किया-'करीब 8 लाख लोग इवेंट में पहुंचे थे," जबकि स्टेडियम की क्षमता महज़ 35,000 की थी. ज़ाहिर है कि यह एक आपदा को न्योता देने जैसा था.
केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम दोनों से इस्तीफे की मांग कर डाली. उन्होंने कहा, "यह कोई सरकारी कार्यक्रम नहीं था, फिर भी राज्य सरकार ने इसकी जिम्मेदारी क्यों ली? क्या ये प्राइवेट इवेंट था या कांग्रेस का प्रचार?'
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