YouTube Monetization: आज के समय में YouTube केवल वीडियो देखने का माध्यम नहीं रह गया है. बहुत से लोग इससे अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि अचानक किसी चैनल की कमाई बंद हो जाती है. अक्सर क्रिएटर्स को ये समझ ही नहीं आता कि उनसे गलती कहां हुई. YouTube की कुछ नीतियां हैं, जिनका पालन न करने पर मॉनिटाइजेशन हटाया जा सकता है.
YouTube पर बिना इजाजत किसी और का गाना, फिल्म का सीन, टीवी शो या वीडियो इस्तेमाल करना नुकसानदेह हो सकता है. अगर किसी वीडियो पर बार-बार कॉपीराइट क्लेम या स्ट्राइक आती है, तो YouTube कमाई बंद कर सकता है. कई लोग इसे “फेयर यूज” समझ लेते हैं, लेकिन हर बार ऐसा मान्य नहीं होता.
अगर चैनल पर ऐसे वीडियो डाले जा रहे हैं जो पहले से मौजूद कंटेंट को काट-छांटकर बनाए गए हों, या जिनमें खुद की आवाज और सोच शामिल न हो, तो यह नियमों के खिलाफ माना जाता है. ऐसे वीडियो भले ही व्यूज ले आएं, लेकिन लंबे समय तक कमाई के लिए सुरक्षित नहीं होते.
अगर वीडियो का टाइटल या थंबनेल अंदर के कंटेंट से मेल नहीं खाता, तो इसे दर्शकों को गुमराह करना माना जाता है. इस तरह के वीडियो पर यूजर शिकायत कर सकते हैं और YouTube का सिस्टम भी इसे पकड़ लेता है, जिससे मॉनिटाइजेशन पर असर पड़ता है.
वीडियो में गाली-गलौज, नफरत फैलाने वाली बातें, हिंसा या संवेदनशील दृश्य दिखाना विज्ञापन नियमों के खिलाफ है. ऐसे कंटेंट पर विज्ञापन नहीं दिखाए जाते और बार-बार ऐसा होने पर चैनल की कमाई पूरी तरह बंद हो सकती है.
अगर कंटेंट बच्चों के लिए है, लेकिन उसे सही कैटेगरी में नहीं डाला गया है या बच्चों से जुड़े नियमों का पालन नहीं किया गया, तो यह बड़ी गलती मानी जाती है. YouTube बच्चों से जुड़े नियमों को लेकर काफी सख्त है.
जल्दी आगे बढ़ने के चक्कर में कुछ लोग नकली व्यूज, बॉट सब्सक्राइबर या सब-फॉर-सब जैसी तरकीबें अपनाते हैं. YouTube का सिस्टम ऐसे तरीकों को आसानी से पहचान लेता है और इसका सीधा असर कमाई पर पड़ता है.
अगर चैनल पर बार-बार नियमों के खिलाफ वीडियो डाले जाते हैं, तो स्ट्राइक मिलती है. ज्यादा स्ट्राइक होने पर YouTube वीडियो ही नहीं, बल्कि पूरे चैनल से मॉनिटाइजेशन हटा सकता है.
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