Ludhiana Central Jail Violence: पंजाब के लुधियाना से एक गंभीर और हैरान करने वाली खबर सामने आई है. ताजपुर रोड स्थित सेंट्रल जेल में 16 दिसंबर की शाम करीब 7 बजे कैदियों के बीच अचानक झड़प हो गई. झड़प इतनी गंभीर थी कि जेल प्रशासन को हालात काबू में लाने में कठिनाई का सामना करना पड़ा. बताया जा रहा है कि जेल के अंदर दो गुटों के कैदी आमने-सामने आ गए थे और इस दौरान सुपरिटेंडेंट कुलवंत सिद्धू पर भी हमला हुआ.
जानकारी के अनुसार, शाम के समय जेल अधिकारी बैरकों की रूटीन चेकिंग के लिए गए थे. इसी दौरान गुस्साए कैदियों ने एक पुलिसकर्मी पर हमला कर दिया. अचानक हुए इस हमले से जेल के अंदर अफरा-तफरी मच गई. हालात बिगड़ते देख अन्य अधिकारी भी मौके पर पहुंचे.
जब सुपरिटेंडेंट कुलवंत सिद्धू मौके पर पहुंचे और कैदियों को शांत कराने की कोशिश की, तब एक कैदी ने उनके सिर पर ईंट से हमला कर दिया. इस हमले में सुपरिटेंडेंट गंभीर रूप से घायल हो गए और उन्हें तुरंत निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. इसी घटना में डीसीपी सुरक्षा जगजीत सिंह के घुटने में भी चोट आई और उन्हें भी अस्पताल में भर्ती कराया गया.
जेल से हाल ही में रिहा हुए एक व्यक्ति ने बताया कि एक बैरक के पास करीब 200 से 250 कैदियों ने पुलिस और अधिकारियों पर हमला कर दिया था. उनके अनुसार, हालात इतने बिगड़ चुके थे कि जेल प्रशासन पूरी तरह असहाय नजर आ रहा था.
सूत्रों का कहना है कि सेंट्रल जेल में पहले भी सुबह के समय दो गुटों के कैदियों के बीच झगड़ा हुआ था. शाम को दोनों गुट फिर आमने-सामने आ गए और ये झड़प हिंसक रूप ले गई. इसी दौरान जब अधिकारी चेकिंग के लिए पहुंचे, तो कैदियों ने हमला कर दिया.
घटना की गंभीरता को देखते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को तुरंत सूचना दी गई. हालात काबू में करने के लिए 12 थानों की पुलिस फोर्स सेंट्रल जेल में तैनात करनी पड़ी. कई घंटों की मशक्कत के बाद देर रात जाकर स्थिति पर नियंत्रण पाया जा सका.
पुलिस कमिश्नर स्वपन शर्मा भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. जेल के अंदर और बाहर सुरक्षा कड़ी कर दी गई. घटना की जानकारी जैसे ही जेल मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर तक पहुंची, उन्होंने विस्तृत रिपोर्ट तलब की.
घटना के बाद जेल के बाहर माहौल बेहद तनावपूर्ण रहा. चश्मदीदों के मुताबिक जेल के अंदर करीब 20 मिनट तक लगातार सायरन की आवाजें सुनाई दीं. देर रात तक जेल के बाहर वरिष्ठ अधिकारियों की गाड़ियां खड़ी रहीं और एंबुलेंस व अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई.
हालांकि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर अभी तक जेल प्रशासन या पुलिस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है. लेकिन हालात को देखकर स्पष्ट है कि सेंट्रल जेल के अंदर यह एक बड़ी और गंभीर घटना थी.
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