चुनाव से पहले मोदी सरकार ने बिहार और पड़ोसी राज्यों में विकास और कनेक्टिविटी को मजबूत करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. बुधवार (10 सितंबर 2025) को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 7,616 करोड़ रुपये की दो बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी दी. इन अनुमोदनों के साथ अब तक बिहार को प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में कुल 11 लाख करोड़ रुपये के प्रस्तावों की मंजूरी दी जा चुकी है.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि 4,447 करोड़ रुपये की लागत से बक्सर-भागलपुर हाई-स्पीड कॉरिडोर के मोकामा-मुंगेर खंड का निर्माण होगा. यह खंड लगभग 82 किलोमीटर लंबा है और इसके पूरा होने से लगभग 1 घंटे की यात्रा समय की बचत होगी. मंत्री ने इसे दक्षिणी बिहार के लिए महत्वपूर्ण परियोजना बताया, जो आर्थिक और यातायात गतिविधियों को बढ़ावा देगी.
इसके अलावा 3,169 करोड़ रुपये की लागत से भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेलवे लाइन का दोहरीकरण भी मंजूर किया गया. यह खंड 177 किलोमीटर लंबा है और बिहार, झारखंड तथा पश्चिम बंगाल को जोड़ने वाला अहम मार्ग है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेलवे कार्गो आजादी के बाद लगातार घट रहा था, लेकिन अब यह बढ़कर लगभग 29 फीसदी मॉडल शेयर तक पहुँच चुका है.
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल कनेक्टिविटी को मजबूत करेंगी, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ाएंगी और लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाएँगी. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री के तीसरे कार्यकाल में स्वीकृत 11 लाख करोड़ रुपये के इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट देश के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हो रहे हैं.
बिहार में इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे समय में इन घोषणाओं ने जनता और निवेशकों दोनों की उम्मीदों को बढ़ा दिया है. केंद्रीय मंत्री ने ABP न्यूज को बताया कि बिहार के अलावा अन्य राज्यों में भी 12 से अधिक प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी गई है, चाहे वहां चुनाव होने वाले हों या नहीं.
मोदी सरकार द्वारा बिहार में बड़ी परियोजनाओं को मंजूरी देने का यह कदम न केवल विकास की दिशा में महत्वपूर्ण है, बल्कि विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक रूप से भी राज्य में जनता के बीच सरकार की छवि को मजबूत करने का संकेत देता है.