नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने 9 अक्टूबर, 2025 को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए बड़ा ऐलान किया. उन्होंने कहा कि अगर महागठबंधन की सरकार सत्ता में आती है तो बिहार के हर उस घर में जहां अभी कोई सरकारी नौकरी नहीं है, वहां एक सरकारी नौकरी दी जाएगी. उन्होंने इसे ऐतिहासिक और युगांतकारी कदम बताया और कहा कि उनकी सरकार बनने पर 20 महीने के अंदर हर परिवार को नौकरी का लाभ मिलेगा.
तेजस्वी यादव ने मौजूदा बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले 20 सालों में एनडीए सरकार रोजगार के मामले में पूरी तरह विफल रही है. उन्होंने दावा किया कि उनके नेतृत्व में 17 महीने की पिछली सरकार में पांच लाख नौकरियां दी गई थीं. तेजस्वी ने कहा, "अब हम हर घर में नौकरी देने का काम करेंगे. हमारी योजना पूरी तरह वैज्ञानिक और डेटा आधारित होगी."
इस पर जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महागठबंधन और तेजस्वी यादव को पहले ही एहसास हो चुका है कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी हार तय है. उन्होंने कहा, "तेजस्वी जो भी वादे कर रहे हैं, उससे पहले ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जनता तक लाभ पहुंचा रहे हैं. इतनी योजनाएं जनता के लिए चल रही हैं कि बिहार में एनडीए के कुनबे को लेकर जबरदस्त उत्साह है."
अभिषेक झा ने यह भी कहा कि जनता ने पहले ही नौकरी के बदले जमीन देने के मॉडल को अस्वीकार कर दिया है. उन्होंने तेजस्वी के वादों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार के लोग ऐसे वादों पर विश्वास नहीं करेंगे.
तेजस्वी यादव का यह वादा बिहार चुनाव में रोजगार को बड़ा मुद्दा बना सकता है. यह घोषणा महागठबंधन के समर्थन में युवाओं और बेरोजगारों को जोड़ने की कोशिश मानी जा रही है. वहीं, जेडीयू इसे जनता को भ्रमित करने वाली बयानबाजी बता रही है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में रोजगार और विकास दो मुख्य मुद्दे होंगे. तेजस्वी यादव का यह वादा युवाओं और बेरोजगारों के बीच लोकप्रियता बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है. वहीं, जेडीयू का दावा है कि जनता पहले ही नीतीश कुमार के योजनाओं से संतुष्ट है और महागठबंधन के वादों पर भरोसा नहीं करेगी.
Copyright © 2025 The Samachaar
