पपीता सेहत के लिए कितना भी फायदेमंद क्यों न हो, लेकिन कुछ स्थितियों में इसका सेवन आपकी सेहत बिगाड़ सकता है. ऐसे में जरूरी है कि हम जानें कि किन लोगों को पपीते से दूरी बनानी चाहिए.
गर्भावस्था में पपीते का सेवन बिल्कुल भी सुरक्षित नहीं माना जाता. कच्चे या आधे पके पपीते में मौजूद लेटेक्स और पपैन जैसे एंजाइम गर्भाशय को संकुचित कर सकते हैं, जिससे गर्भपात या समय से पहले प्रसव का खतरा हो सकता है. अगर किसी को फल या लेटेक्स एलर्जी है, तो पपीता उनके लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. इसमें मौजूद लेटेक्स एलर्जी की प्रतिक्रिया को बढ़ा सकता है, जिससे खुजली, सूजन या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं हो सकती हैं.
जो लोग खून पतला करने वाली दवाएं (ब्लड थिनर्स) ले रहे हैं, उन्हें पपीते से दूरी बनानी चाहिए. यह फल खून के थक्के बनने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, जिससे अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा हो सकता है. पपीते में विटामिन सी और ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है, जो किडनी स्टोन की स्थिति को और बिगाड़ सकती है. ऐसे मरीजों को इसे सीमित मात्रा में या डॉक्टर की सलाह के बाद ही खाना चाहिए.
हालांकि पपीते में नेचुरल शुगर होती है, लेकिन फिर भी इसका अधिक सेवन ब्लड शुगर लेवल को असंतुलित कर सकता है. डायबिटीज के रोगियों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए. पपीते में पपैन नामक एंजाइम पाया जाता है जो कुछ दवाओं के साथ रिएक्शन कर सकता है. इसलिए अगर आप किसी खास बीमारी की दवा ले रहे हैं, तो पपीता खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लें.
पपीते का जरूरत से ज्यादा सेवन भी हानिकारक हो सकता है. इससे पेट में दर्द, दस्त और गैस जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. संतुलन ही इसकी सेहतमंद खूबी को बनाए रखता है. पपीता भले ही सेहत का खजाना हो, लेकिन कुछ स्थितियों में यह फायदे की बजाय नुकसान पहुंचा सकता है. इसलिए इसे अपनी डाइट में शामिल करने से पहले अपनी स्थिति के अनुसार सोच-समझकर ही खाएं.
Disclaimer: यह स्टोरी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या में विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.
Copyright © 2025 The Samachaar
