मेरठ के मवाना क्षेत्र में साइबर ठगी का एक नया तरीका सामने आया है. पहले ठग BLO बनकर आम लोगों से जानकारी लेते थे, अब वे खुद BLO और सरकारी कर्मचारियों को ही निशाना बनाने लगे हैं. इस बार ठग ने एक स्कूल शिक्षक को वीडियो कॉल के जरिए भरोसा दिलाया और उनके बैंक खाते से हजारों रुपए उड़ा लिए.
खेड़ी मनिहार प्राइमरी स्कूल में तैनात शिक्षक सोमपाल सिंह, जो BLO के रूप में भी काम कर रहे थे, को 4 दिसंबर को एक अनजान नंबर से वीडियो कॉल आई. कॉल करने वाले ने खुद को जिला कार्यक्रम अधिकारी (DPRO) बताया. उसने अधिकारी जैसे लहजे में सोमपाल को डांटना शुरू कर दिया तुम काम धीमी गति से करते हो, फॉर्म समय पर नहीं भरते.
इसके बाद उसने सुपरवाइजर इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट की यूजर आईडी और पासवर्ड मांगा. शुरुआत में सोमपाल को शक हुआ, लेकिन ठग ने इतना भरोसेमंद अंदाज अपनाया कि उन्होंने सारी जानकारी दे दी.
जानकारी देने के तुरंत बाद ठग ने कहा कि कल तहसील ऑफिस में मीटिंग है, जरूर आना. इसके कुछ देर बाद सोमपाल का फोन अपने आप बंद हो गया और मैसेज आने भी बंद हो गए. कई घंटे बाद जब फोन चालू किया, तो बैंक के चार मैसेज मिले चार अलग-अलग ट्रांजेक्शन हुए थे. कुल 53 हजार रुपए खाते से निकाल लिए गए थे. तब तक ठग सारा पैसा ट्रांसफर कर चुका था.
पुलिस के अनुसार, अब ठग सरकारी अधिकारियों का रूप धारण करके खास तौर पर सरकारी कर्मचारियों को निशाना बना रहे हैं.
पहले वे सामान्य कॉल करते थे अब वीडियो कॉल करके अपना भरोसेमंद रूप दिखाते हैं फिर पासवर्ड, ओटीपी, लॉगिन डिटेल लेकर अकाउंट खाली कर देते हैं
यह तरीका तेजी से फैल रहा है और कई सरकारी कर्मचारी इसका शिकार हो रहे हैं.
यूजर आईडी
पासवर्ड
ओटीपी
बैंक खाता विवरण
एटीएम या डेबिट कार्ड की जानकारी
कोई भी सच्चा सरकारी अधिकारी या बैंक कर्मचारी ऐसी जानकारी नहीं मांगता.
Copyright © 2025 The Samachaar
