आजकल हर कोई अपने अकाउंट की सुरक्षा के लिए पासवर्ड का इस्तेमाल करता है. लेकिन अब पासवर्ड के साथ एक नया विकल्प भी आया है जिसे कहते हैं Passkey. कई लोग अभी भी पासवर्ड और पासकी में फर्क नहीं समझ पाते. आइए सरल भाषा में जानते हैं कि दोनों में क्या अंतर है और अकाउंट की सुरक्षा के लिए कौन बेहतर है.
पासवर्ड हमारी डिजिटल सुरक्षा का पहला कदम है. इसे यूजर्स अकाउंट में लॉग-इन करने के लिए इस्तेमाल करते हैं. पासवर्ड में आमतौर पर अक्षर, नंबर और सिंबल शामिल होते हैं ताकि कोई आसानी से उसे क्रैक न कर पाए.
जब आप पासवर्ड डालते हैं, तो ये कंपनी के सर्वर पर भेजा जाता है और वेरिफाई होता है. यानी पासवर्ड आधारित सुरक्षा में आपका पासवर्ड सर्वर पर स्टोर रहता है और हैकर्स इसे चोरी करने की कोशिश कर सकते हैं.
Passkey पासवर्ड की तुलना में ज्यादा मजबूत और सुरक्षित तरीका है. इसमें आपको अकाउंट लॉग-इन करने के लिए पासवर्ड डालने की जरूरत नहीं होती. इसके बजाय आप बायोमैट्रिक (फिंगरप्रिंट या फेस स्कैन) या पिन का इस्तेमाल करते हैं.
Passkey Cryptography टेक्नोलॉजी पर आधारित होता है. इसका मतलब है कि आपकी जानकारी को एन्क्रिप्ट किया जाता है और यह सीधे सर्वर पर नहीं भेजी जाती, जिससे हैकर्स के लिए इसे चुराना मुश्किल हो जाता है.
गूगल ने अपने ब्लॉग में बताया है कि पासकी पासवर्ड की तुलना में ज्यादा मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है. यदि आपने अभी तक जीमेल या किसी अन्य अकाउंट के लिए पासकी नहीं बनाई है, तो इसे एक्टिवेट करके अपने अकाउंट की सुरक्षा को बढ़ाया जा सकता है.
पासवर्ड अभी भी सामान्य सुरक्षा के लिए उपयोगी है. Passkey ज्यादा सुरक्षित और हैकर्स के लिए मुश्किल है. भविष्य में डिजिटल अकाउंट की सुरक्षा Passkey जैसी तकनीक से और मजबूत होगी.
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