सर्दियों का मौसम आते ही रसोई में गुड़ की मिठास और खुशबू का अपना ही जलवा होता है. तिल-गुड़ की मिठाई, गुड़ वाली चाय, या गरमागरम गुड़ का टुकड़ा ये सभी सर्दियों की खास पहचान हैं. गुड़ न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि इसमें आयरन, पोटैशियम, मैग्नीशियम और कई जरूरी मिनरल्स भी पाए जाते हैं. लेकिन सवाल ये है, क्या डायबिटीज के मरीज इसे बेझिझक खा सकते हैं?
एक्सपर्ट के मुताबिक, भले ही गुड़ चीनी की तुलना में कम प्रोसेस्ड होता है, लेकिन इसमें शुगर की मात्रा काफी अधिक होती है. इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी ज्यादा है, जो ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा सकता है. डायबिटीज के मरीजों में गुड़ खाने के तुरंत बाद ग्लूकोज लेवल बढ़ने का खतरा रहता है, जिससे थकान, चक्कर और अन्य जटिलताएं हो सकती हैं.
गुड़ आयरन से भरपूर होता है, जो एनीमिया से बचाव में मदद करता है. इसमें मौजूद पोटैशियम और मैग्नीशियम शरीर की मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत रखते हैं. यह पाचन सुधारने, खून को साफ करने और इम्यूनिटी बढ़ाने में भी कारगर है. सर्दियों में यह शरीर को गर्म रखता है और थकान कम करता है.
अगर डायबिटीज कंट्रोल में नहीं है और आप रोजाना गुड़ खाते हैं, तो ब्लड शुगर अचानक स्पाइक कर सकता है. खासतौर पर खाली पेट गुड़ खाना बेहद जोखिम भरा हो सकता है, क्योंकि इससे शुगर लेवल अचानक बढ़ जाता है.
एक्सपर्ट्स के अनुसार, अगर डायबिटीज कंट्रोल में है और आप डॉक्टर की सलाह लेते हैं, तो दिन में आधा से एक छोटा टुकड़ा गुड़ खाया जा सकता है. इसे सीधे खाने की बजाय बाजरे की रोटी के साथ या गर्म दूध में मिलाकर लेना ज्यादा फायदेमंद और सुरक्षित होता है.
अगर आपको मीठा खाने की इच्छा हो, तो खजूर, अंजीर या शुगर-फ्री स्वीटनर का इस्तेमाल किया जा सकता है. मौसमी फल भी मीठी क्रेविंग को पूरा करते हैं और ब्लड शुगर पर कम असर डालते हैं.
गुड़ सर्दियों में सेहत के लिए फायदेमंद जरूर है, लेकिन डायबिटीज के मरीजों के लिए इसे सोच-समझकर और सीमित मात्रा में ही खाना जरूरी है. सही मात्रा, सही समय और डॉक्टर की सलाह के साथ लिया गया गुड़ स्वाद भी देगा और ब्लड शुगर को भी नियंत्रण में रखेगा.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. बताए गए टिप्स को फॉलो करने से पहले एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें.
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