Zoho Mail की दीवानी हुई सरकार! अब PMO समेत 12 लाख कर्मचारियों की ईमेल IDs में बड़ा बदलाव

केंद्र सरकार ने बहुत से कर्मचारियों की ईमेल सेवाएं NIC से हटाकर स्वदेशी Zoho Mail पर ट्रांसफर की हैं, जिससे डेटा सुरक्षा और आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा मिलेगा.

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भारत सरकार ने डिजिटल संप्रभुता और डेटा सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए एक बड़ा और निर्णायक कदम उठाया है. अब प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) समेत 12 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों की ईमेल सेवाएं नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) की बजाय देशी सॉफ्टवेयर कंपनी Zoho द्वारा होस्ट की जा रही है. यह बदलाव केवल तकनीकी नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की ओर एक मजबूत पहल के रूप में देखा जा रहा है.

बीते एक वर्ष में केंद्र सरकार ने चरणबद्ध तरीके से अपने सभी कर्मचारियों की ईमेल सेवाओं को NIC से हटाकर Zoho Mail पर स्थानांतरित कर दिया है. हालांकि ईमेल डोमेन (जैसे gov.in और nic.in) पहले की तरह ही रहेंगे, लेकिन बैकएंड पर अब सारा डेटा Zoho के भारतीय सर्वरों पर होस्ट होगा. यह ट्रांजिशन वर्ष 2023 में सात साल के अनुबंध के तहत शुरू हुआ था.

बदलाव की शुरुआत कहां से हुई?

जोहो मेल का उपयोग पहले केवल निजी स्तर पर किया जा रहा था, लेकिन जब देश के कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने अपने व्यक्तिगत ईमेल Zoho पर शिफ्ट करना शुरू किया जैसे गृह मंत्री अमित शाह तो यह संकेत मिला कि सरकार अब इस प्लेटफॉर्म को आधिकारिक रूप से अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. अब यह केवल विकल्प नहीं, बल्कि केंद्र सरकार की रणनीति का हिस्सा बन चुका है.

ओपन-सोर्स से स्वदेशी सॉफ्टवेयर की ओर

सरकारी दफ्तरों में अब तक LibreOffice और अन्य ओपन-सोर्स टूल्स का उपयोग होता था, जो कि सुरक्षा की दृष्टि से हमेशा संदेह के घेरे में रहते थे. अब सरकार ने Zoho Office Suite के उपयोग को अनिवार्य कर दिया है. दस्तावेजों की टाइपिंग, प्रेजेंटेशन बनाना और स्प्रेडशीट तैयार करने जैसे काम अब Zoho के सुरक्षित और देशी टूल्स पर किए जाएंगे.

डेटा सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता

शिक्षा मंत्रालय द्वारा 3 अक्टूबर को जारी किए गए एक आधिकारिक आदेश में यह साफ किया गया कि यह बदलाव भारत को एक सेवा-आधारित से उत्पाद-आधारित अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने का हिस्सा है. सरकार ने इस पहल को डिजिटल आत्मनिर्भरता और डेटा संप्रभुता को मजबूत करने वाला बताया है. Zoho को यह जिम्मेदारी सौंपने से पहले NIC और CERT-In जैसी सुरक्षा एजेंसियों से विस्तृत सुरक्षा मूल्यांकन करवाया गया.

क्यों बढ़ रहा है Zoho पर भरोसा?

Zoho के संस्थापक श्रीधर वेंबु ने बार-बार यह दोहराया है कि उनकी कंपनी यूजर्स के डेटा को पूरी गोपनीयता के साथ संभालती है और किसी भी प्रकार से उसका व्यावसायिक उपयोग नहीं करती. कंपनी एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन, सुरक्षित सर्वर और अन्य आधुनिक सुरक्षा तकनीकों का उपयोग कर रही है. यही कारण है कि आज केवल भारत ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी Zoho एक भरोसेमंद नाम बन चुका है.