पंजाबी संगीत जगत ने एक और चमकता सितारा खो दिया। मशहूर गायक राजबीर जवंदा का अंतिम संस्कार लुधियाना जिले के जगराओं के पास उनके पैतृक गांव पोना में किया गया। गांव के सरकारी स्कूल मैदान में हजारों लोग उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए। यही वह जगह थी जहाँ जवंदा ने अपना बचपन बिताया, पुलिस की तैयारी की और बाद में अपने संगीत करियर की शुरुआत की।
राजबीर जवंदा के अंतिम संस्कार में दूर-दूर से लोग उमड़े। संगीत जगत की बड़ी हस्तियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी। इनमें हरभजन मान, बब्बू मान, कुलविंदर बिल्ला, कंवर ग्रेवाल, रंजीत बावा, अम्मी विर्क, गुरलेज अख्तर और कई अन्य प्रसिद्ध गायक शामिल थे। पुलिस से गायक बने राजबीर जवंदा की लोकप्रियता इतनी थी कि उनके प्रशंसक पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से भी उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे।
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान अपने कैबिनेट साथियों और आप विधायकों के साथ जवंदा के घर पहुंचे। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और कहा कि पंजाब ने एक प्रतिभाशाली कलाकार को खो दिया है।
राजबीर जवंदा पहले पंजाब पुलिस में कार्यरत थे। डीएसपी इंद्रजीत सिंह बोपाराय ने उन्हें याद करते हुए कहा कि “राजबीर और उनके पिता करम सिंह दोनों ही अपने काम के प्रति ईमानदार और समर्पित थे। वे नौकरी के साथ-साथ अपने संगीत के शौक को भी जारी रखते थे।” लुधियाना (ग्रामीण) में सेवा दे चुके कई पुलिसकर्मी भी उनकी अंतिम यात्रा में भावुक नज़र आए।
27 सितंबर को हिमाचल प्रदेश के बद्दी में राजबीर जवंदा की कार का एक्सीडेंट हो गया था। इस हादसे में उन्हें सिर और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आई थीं। कई दिनों तक इलाज के बाद बुधवार को अंगों के काम करना बंद कर देने से उनका निधन हो गया। गांव के सरपंच हरप्रीत सिंह राजू और ग्रामीणों ने शोक सभा में शामिल हजारों लोगों के लिए व्यवस्थाएँ कीं।
राजबीर जवंदा की मौत से पंजाब के संगीत जगत में गहरा शोक है। लोगों ने कहा कि उनकी मधुर आवाज़ और सादगी उन्हें हमेशा यादगार बनाए रखेगी। गांव से लेकर पूरे पंजाब तक, हर किसी की जुबान पर सिर्फ़ एक ही बात थी, “राजबीर जवंदा जैसे कलाकार बार-बार नहीं जन्म लेते।”
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