जालंधर के मशहूर बॉडीबिल्डर और अभिनेता वरिंदर सिंह घुमन का मात्र 42 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उन्हें दिल का दौरा (हार्ट अटैक) पड़ा, जिसके बाद अमृतसर के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन डॉक्टर उन्हें बचा नहीं सके। जानकारी के मुताबिक, कंधे की सर्जरी के दौरान उन्हें हार्ट अटैक आया और उन्होंने शाम करीब 5:30 बजे अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर ने पूरे पंजाब और बॉडीबिल्डिंग जगत को सदमे में डाल दिया।
जालंधर के बॉडीबिल्डर हरमिंदर दुल्लोवाल ने बताया कि कुछ दिन पहले वरिंदर को छाती की मांसपेशी में चोट लगी थी, जिसके इलाज के लिए वे अमृतसर गए थे। उन्होंने कहा, “कभी नहीं सोचा था कि एक साधारण सी चोट उनकी जान ले लेगी। यह नुकसान बहुत बड़ा है और इसे स्वीकार करना बेहद कठिन है।”
6 फीट 3 इंच लंबे वरिंदर घुमन भारत के उन कुछ खिलाड़ियों में शामिल थे जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन किया। उन्होंने 2009 में मिस्टर इंडिया का खिताब जीता और मिस्टर एशिया प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया। वह IFBB प्रो कार्ड पाने वाले पहले भारतीय बॉडीबिल्डर बने यह उपलब्धि भारत को वैश्विक पेशेवर बॉडीबिल्डिंग सर्किट में ले गई। वरिंदर अब तक अर्नोल्ड श्वार्ज़नेगर की विश्व प्रसिद्ध प्रतियोगिता ‘अर्नोल्ड क्लासिक’ में जगह बनाने वाले एकमात्र एशियाई खिलाड़ी हैं।
अपनी फिटनेस और मजबूत व्यक्तित्व की वजह से वरिंदर ने फिल्मी दुनिया की ओर भी कदम बढ़ाया। उन्होंने 2012 में पंजाबी फिल्म ‘कबड्डी वन्स मोर’ से डेब्यू किया, इसके बाद ‘रोर: टाइगर्स ऑफ द सुंदरबन्स’ (2014) और ‘मरजावां’ (2019) जैसी बॉलीवुड फिल्मों में भी नज़र आए। हाल ही में उन्होंने सलमान खान के साथ ‘टाइगर 3’ में भी काम किया था।
मूल रूप से गुरदासपुर के रहने वाले वरिंदर अपने गुरु रणधीर हस्तीर से ट्रेनिंग लेने के लिए जालंधर में बस गए थे। वह जालंधर के मॉडल टाउन में रहते थे और वहीं उनका खुद का जिम भी था। उनके पिता भूपिंदर सिंह, पंजाब पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक (ASI) के पद पर कार्यरत थे।
वरिंदर घुमन के असामयिक निधन से पूरे पंजाब में शोक की लहर दौड़ गई। कांग्रेस नेता और गुरदासपुर से सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा, “वरिंदर घुमन ने अपनी प्रतिभा, अनुशासन और मेहनत से पंजाब को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाया। उनका जाना एक बहुत बड़ी क्षति है।”
वरिंदर सिर्फ एक बॉडीबिल्डर नहीं, बल्कि कई युवाओं के लिए प्रेरणा थे। उनकी लगन, फिटनेस के प्रति समर्पण और सादगी हमेशा याद रखी जाएगी। उनका जाना न सिर्फ बॉडीबिल्डिंग जगत, बल्कि पंजाब और देश के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
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