केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को एक बड़ी राहत देते हुए एक भावनात्मक और सराहनीय फैसला लिया है। अब केंद्र सरकार के कर्मचारी अपने बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए पूरे 30 दिनों की छुट्टी ले सकेंगे, वो भी सैलरी के साथ। यानी अगर कोई सरकारी कर्मचारी अपने माता-पिता की सेवा करना चाहता है, तो वह बिना वेतन कटौती के एक महीने की छुट्टी ले सकता है।
यह जानकारी राज्यसभा में केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि इस तरह की छुट्टी "अर्जित अवकाश" (Earned Leave) के तहत दी जाएगी, यानी इसके लिए कोई नई पॉलिसी नहीं बनाई गई है। बस कर्मचारी को यह बताना और साबित करना होगा कि वह छुट्टी अपने माता-पिता की देखभाल के लिए ले रहा है।
सरकार के इस फैसले की खूब तारीफ हो रही है। कई कर्मचारी संगठनों ने इसे परिवारिक मूल्यों को बढ़ावा देने वाला और मानवीय कदम बताया है। उनका कहना है कि यह पहल उन कर्मचारियों के लिए बहुत राहत भरी होगी जो काम के साथ-साथ अपने घर की जिम्मेदारियों को भी निभाना चाहते हैं।
आजकल की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में कई बार कर्मचारियों को अपने परिवार और खासकर बुजुर्ग माता-पिता की देखभाल के लिए समय नहीं मिल पाता। ऐसे में यह छुट्टी उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से सुकून देगी।
सरकार का यह फैसला न केवल माता-पिता की देखभाल को महत्व देता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकारी व्यवस्था अब कर्मचारियों की पारिवारिक ज़रूरतों और भावनात्मक जुड़ाव को समझ रही है। इससे कर्मचारियों में अपने काम के प्रति संतुलन और सकारात्मकता बढ़ेगी।
Copyright © 2025 The Samachaar
