इन दिनों सोशल मीडिया पर समोसा और जलेबी को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी हुई है. कहा जा रहा है कि इन देसी स्नैक्स पर अब "सेहत के लिए हानिकारक" जैसी चेतावनी लिखने की बात चल रही है. लेकिन सवाल उठता है कि क्या सिर्फ समोसा-जलेबी ही नुकसानदेह हैं? असलियत ये है कि हमारे आसपास मिलने वाले कई डीप फ्राईड फूड्स हैं जो आपकी सेहत पर सीधा हमला करते हैं, और जिनकी ओर हम अक्सर ध्यान ही नहीं देते.
मैदे से बना समोसा और चीनी से भरी जलेबी स्वाद में लाजवाब होते हैं, लेकिन ये दोनों चीजें ट्रांस फैट, एक्स्ट्रा कैलोरी और शुगर की वजह से मोटापा, डायबिटीज और हार्ट डिजीज का कारण बनते हैं.
भटूरे अकसर बार-बार गर्म किए गए तेल में तले जाते हैं. इसमें मैदा, घी और बहुत अधिक कैलोरी होती है, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाकर दिल की बीमारियों को न्योता देती है.
सड़क किनारे बिकने वाले पकौड़े दिखने में जितने ललचाते हैं, उतने ही नुकसानदेह भी होते हैं. बार-बार इस्तेमाल हुए तेल से बने पकौड़े शरीर में विषैले तत्व पहुंचाते हैं और पाचन खराब करते हैं.
ये विदेशी स्ट्रीट फूड अब भारत के युवाओं की पसंद बन गया है. लेकिन एक ही तेल में बार-बार तले गए आलू के टुकड़े ट्रांस फैट से भरपूर होते हैं और हार्ट की हेल्थ पर सीधा असर डालते हैं.
बर्गर की टिक्की चाहे वो आलू की हो या चिकन की अक्सर गंदे तेल में फ्राई की जाती है. ऊपर से सफेद ब्रेड और चीज इसे हाई कैलोरी बम बना देते हैं.
हर शहर की गलियों में मिलने वाली गर्मागर्म कचौड़ी डीप फ्राई होने की वजह से ट्रांस फैट से भरपूर होती है, जो दिल और लीवर दोनों के लिए नुकसानदेह है.
इनमें यूज होने वाला पाम ऑयल और डीप फ्राई प्रोसेस इन्हें हाई फैट और हाई सोडियम स्नैक्स बना देता है. नियमित सेवन से हाई बीपी, हार्ट डिजीज और डायबिटीज का खतरा कई गुना बढ़ जाता है.
स्वाद के पीछे भागते हुए हम अकसर अपनी सेहत से खिलवाड़ कर बैठते हैं. ये डीप फ्राईड फूड्स हमारे शरीर में धीरे-धीरे जहर की तरह काम करते हैं. अगली बार कुछ खाने से पहले ये जरूर सोचिए कि कहीं स्वाद के चक्कर में आप बीमारियों को तो नहीं बुला रहे.
(Disclaimer: यह स्टोरी सामान्य जानकारियों पर आधारित है. किसी भी तरह की स्वास्थ्य समस्या में विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.)
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