भारत में साइबर अपराध की रफ्तार बेलगाम होती जा रही है. हाल ही में गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़े डराने वाले हैं. 2023 में जहां साइबर ठगी से ₹7,465 करोड़ की चपत लगी थी, वहीं 2024 में यह आंकड़ा 206% की बढ़ोतरी के साथ ₹22,845 करोड़ तक पहुंच गया है. यह वृद्धि न केवल आर्थिक नुकसान को दर्शाती है, बल्कि साइबर सुरक्षा को लेकर लोगों की लापरवाही और बढ़ती तकनीकी खतरों की भी पोल खोलती है.
गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने लोकसभा में बताया कि 2024 में नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) और सिटिजन फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड रिपोर्टिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (CFCFRMS) पर 36.40 लाख वित्तीय साइबर धोखाधड़ी की शिकायतें दर्ज की गईं. यह 2023 के 24.4 लाख मामलों की तुलना में 49% अधिक है.
साइबर अपराध की कुल शिकायतें भी 22.7 लाख रहीं, जो पिछले साल के मुकाबले 42% की बढ़ोतरी है. इन आंकड़ों से साफ है कि ऑनलाइन धोखाधड़ी अब आम बात बन चुकी है.
सरकार ने इस खतरे से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं. 17.8 लाख शिकायतों के आधार पर अब तक ₹5,489 करोड़ की रकम को फर्जीवाड़े से बचाया गया है. साथ ही, पुलिस रिपोर्ट्स के आधार पर 9.42 लाख से अधिक सिम कार्ड और 2.63 लाख मोबाइल IMEI ब्लॉक किए गए हैं. प्रतिबिम्ब मॉड्यूल की मदद से अब तक 10,599 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है.
1 संदिग्ध कॉल, SMS या ईमेल से सावधान रहें
2 मजबूत पासवर्ड रखें और 2-फैक्टर ऑथेंटिकेशन चालू करें
3 केवल HTTPS वेबसाइट्स का उपयोग करें
4 पब्लिक वाई-फाई से लॉगिन या बैंकिंग न करें
5 व्यक्तिगत जानकारी कभी साझा न करें
6 अपने डिवाइस का सॉफ्टवेयर अपडेट रखें
डिजिटल दुनिया जितनी सुविधाजनक है, उतनी ही खतरनाक भी हो सकती है. ज़रूरत है जागरूकता और सतर्कता की. यदि आप लापरवाह हैं, तो अगला शिकार आप हो सकते हैं.
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