पंजाब सरकार द्वारा 23 नवंबर से आयोजित होने जा रहा चार दिवसीय भव्य आयोजन इतिहास रचने को तैयार है. यह कार्यक्रम सिखों के नौवें गुरु, श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहादत वर्षगांठ को समर्पित है. मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में हो रहे इस आयोजन में भारत ही नहीं, बल्कि अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और मध्य पूर्व जैसे देशों से भी लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है.
यह आयोजन केवल श्रद्धा और इतिहास का प्रतीक नहीं होगा, बल्कि एक वैश्विक सामाजिक-सांस्कृतिक आंदोलन का रूप भी लेगा। श्री आनंदपुर साहिब को केंद्र बनाकर होने वाले इस आयोजन को ‘ग्लोबल सिख यूनिटी मूवमेंट’ करार दिया गया है, जो बलिदान और सेवा जैसे मूल्यों को दुनिया के सामने फिर से प्रमुखता देगा.
इस ऐतिहासिक आयोजन की शुरुआत 19 नवंबर को श्रीनगर से एक प्रतीकात्मक मशाल यात्रा 'मशाल-ए-शहादत' के रूप में होगी. यह मशाल यात्रा पंजाब के तीन प्रमुख क्षेत्रों माझा, दोआबा और मालवा—से चल रही तीन समानांतर तीर्थ यात्राओं से मिलकर 23 नवंबर को आनंदपुर साहिब में एकत्रित होगी. यह दृश्य न सिर्फ ऐतिहासिक होगा, बल्कि सांस्कृतिक एकता का भी संदेश देगा.
कार्यक्रम में कई आकर्षक और भावनात्मक पहलू शामिल होंगे—विरासत पर आधारित वॉक, धर्मों के बीच संवाद, ऐतिहासिक प्रदर्शनियां, कविताओं और युद्धकला की प्रस्तुतियां, वृक्षारोपण अभियान और ड्रोन के माध्यम से भव्य लाइट शो। इन सभी कार्यक्रमों का उद्देश्य युवाओं और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों को गुरु तेग बहादुर जी की शहादत की प्रेरक गाथा से जोड़ना है।
पंजाब सरकार ने इस आयोजन को लेकर बुनियादी ढांचे को बड़े स्तर पर मजबूत किया है. श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए विशाल टेंट सिटी बनाई जा रही है. आने-जाने की सुविधा के लिए ई-रिक्शा सेवा और विदेश से आने वाले मेहमानों के लिए बहुभाषी अनुवाद सेवाओं की भी व्यवस्था की गई है, ताकि संपूर्ण अनुभव को सहज और प्रभावशाली बनाया जा सके.
पंजाब सरकार की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “विदेशी सिख धार्मिक संगठनों ने इस आयोजन को 'ग्लोबल सिख यूनिटी मूवमेंट' करार दिया है, जो बलिदान और सेवा की साझा विरासत पर आधारित एक वैश्विक पहल है. यह आयोजन न केवल श्रद्धा का पर्व होगा, बल्कि दुनिया भर में फैले सिख समुदाय को एकजुट करने की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा.
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