बॉलीवुड अभिनेता राजकुमार राव एक पुराने मामले को लेकर इन दिनों कानूनी पचड़े में फंस गए हैं. यह मामला साल 2017 की फिल्म 'बहन होगी तेरी' से जुड़ा है, जिसमें उनके एक पोस्टर को लेकर धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया गया था. इस केस में अभिनेता को अदालत में पेश होने का आदेश दिया गया था, लेकिन समन गलत पते पर भेजे जाने के कारण वे उपस्थित नहीं हो पाए. इससे जुड़ा विवाद अब एक बार फिर सुर्खियों में है.
राजकुमार राव के खिलाफ समन जारी किया गया था, लेकिन वह हरियाणा के प्रेम नगर, गुड़गांव स्थित पुराने पते पर पहुंचा, जहां अब वे नहीं रहते. ऐसे में अभिनेता को समय पर इसकी सूचना नहीं मिली और वे जालंधर कोर्ट में पेश नहीं हो सके. नतीजतन, कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिया.
28 जुलाई को अभिनेता जालंधर की जेएमआईसी कोर्ट में पेश हुए और खुद को सरेंडर किया. उनके वकील दर्शन सिंह दयाल ने कोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल को समन नहीं मिला था क्योंकि वे अब मुंबई के अंधेरी वेस्ट स्थित ओबेरॉय स्प्रिंग्स में रहते हैं. जैसे ही उन्हें नोटिस की जानकारी मिली, उन्होंने तुरंत कोर्ट में हाजिरी दी.
कोर्ट ने बचाव पक्ष की दलीलें सुनने के बाद राजकुमार राव को जमानत दे दी. अगली सुनवाई 30 जुलाई को हुई, जहां मामले की कानूनी प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई. पुलिस द्वारा पहले ही चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.
विवाद की जड़ फिल्म 'बहन होगी तेरी' का एक प्रमोशनल पोस्टर है, जिसमें राजकुमार राव भगवान शिव के रूप में बाइक पर सवार नजर आए थे. उन्होंने रुद्राक्ष की माला पहन रखी थी और सिर पर चंद्रमा का चिह्न था. पोस्टर में बाइक पर उत्तरप्रदेश की नंबर प्लेट भी थी. इस पर कई लोगों ने धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप लगाया था.
यह केस जालंधर कोर्ट में दर्ज हुआ था और फिल्म के निर्देशक अजय के पन्नालाल व निर्माता टोनी डिसूजा पर भी केस दर्ज हुआ था. हालांकि, दोनों को पहले ही जमानत मिल चुकी है.
इस पूरे मामले से यह स्पष्ट होता है कि पुराने मामलों में भी कानूनी प्रक्रिया बहुत लंबी चल सकती है. हालांकि राजकुमार राव ने जिम्मेदारी लेते हुए कोर्ट में सरेंडर किया और न्याय प्रक्रिया में सहयोग दिया. अब देखना होगा कि आने वाले दिनों में अदालत का क्या रुख रहता है.
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