पंजाब में नशे के खिलाफ लड़ाई अब शिक्षा के मैदान में भी उतर आई है. राज्य सरकार ने 'युद्ध नशे के विरुद्ध' अभियान के तहत एक नई और प्रभावशाली पहल की शुरुआत की है, जिसके तहत अब सरकारी स्कूलों में छात्रों को नशे से दूर रहने के लिए विशेष पाठ्यक्रम पढ़ाया जाएगा. मुख्यमंत्री भगवंत मान और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने फिरोजपुर के अरनीवाला गांव में इस पहल का औपचारिक शुभारंभ किया.
इस कार्यक्रम के तहत कक्षा 9वीं से 12वीं तक के आठ लाख छात्रों को नशे के दुष्परिणामों से अवगत कराया जाएगा. सरकार का मानना है कि युवाओं को जागरूक कर ही राज्य को नशा मुक्त किया जा सकता है. इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्रों को नशे से दूर रहने की तकनीकों और सहपाठियों के दबाव से निपटने के उपाय सिखाए जाएंगे.
ਨਸ਼ਿਆਂ ਵਿਰੁੱਧ ਛੇੜੀ ਮੁਹਿੰਮ ਤਹਿਤ ਅਸੀਂ ਸੂਬੇ ਦੇ ਸਕੂਲਾਂ ਵਿੱਚ Curriculum ਦੀ ਸ਼ੁਰੂਆਤ ਕੀਤੀ ਹੈ, ਜਿਸ 'ਚ 'ਯੁੱਧ ਨਸ਼ਿਆਂ ਵਿਰੁੱਧ' ਵਿਸ਼ੇ ਨੂੰ ਸਿਲੇਬਸ ਦਾ ਹਿੱਸਾ ਬਣਾਇਆ ਜਾਵੇਗਾ। ਅੱਜ ਅਰਨੀਵਾਲਾ ਵਿਖੇ ਵਿਦਿਆਰਥੀਆਂ ਨਾਲ ਗੱਲਬਾਤ ਕੀਤੀ। ਸਾਡੀ ਆਉਣ ਵਾਲੀ ਪੀੜ੍ਹੀ ਨੂੰ ਸੰਭਾਲਣਾ ਸਾਡਾ ਫ਼ਰਜ਼ ਹੈ।
— Bhagwant Mann (@BhagwantMann) August 1, 2025
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नशे के खिलाफ छेड़ी गई… pic.twitter.com/e3pO6V2eOx
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि यह विशेष पाठ्यक्रम 3658 सरकारी स्कूलों में लागू किया जाएगा. इसमें 27 सप्ताह तक चलने वाले 35 मिनट के सत्र होंगे, जिनमें वृत्तचित्र, पोस्टर, प्रश्नोत्तरी और चर्चा शामिल होगी. उन्होंने कहा, 'यह लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है, और हमें अपने बच्चों को नशे से बचाने के लिए उन्हें शिक्षित करना होगा.'
तस्करों पर कसा शिकंजा आप संयोजक ने बताया कि अब तक 15 हजार से अधिक नशा तस्कर जेल भेजे जा चुके हैं और एक हजार किलो से अधिक हेरोइन जब्त की गई है. उन्होंने कहा, 'जो लोग नशा बेचकर आलीशान घरों में रह रहे हैं, वे समाज के दुश्मन हैं और उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि राज्य सरकार ने सरकारी स्कूलों का कायाकल्प किया है और अब लोग निजी स्कूलों को छोड़कर सरकारी स्कूलों में दाखिला ले रहे हैं. उन्होंने कहा, 'हमारे बच्चों की वोट नहीं होती, लेकिन हम उन्हें जागरूक करना अपना कर्तव्य समझते हैं.
सीएम मान ने बताया कि राज्य के सैकड़ों गांवों में पंचायतें नशा विरोधी प्रस्ताव पारित कर चुकी हैं. 'यह अब सिर्फ सरकारी लड़ाई नहीं, बल्कि जन आंदोलन बन चुका है,” उन्होंने कहा. पुनर्वास की कोशिशों पर भी ज़ोर दिया गया है, ताकि पीड़ित समाज में सम्मान से वापसी कर सकें.
अपने संबोधन में भगवंत मान और केजरीवाल ने विपक्षी पार्टियों पर नशे के व्यापार को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया. उन्होंने मजीठिया जैसे मामलों पर कठोर कार्रवाई का भरोसा दिलाया और कहा कि नशा तस्करों के खिलाफ राज्य सरकार की नीति 'शून्य सहनशीलता' की है.
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