बिहार के बोधगया में महिला अभ्यर्थी के साथ एंबुलेंस में सामूहिक बलात्कार, दो आरोपी गिरफ्तार

बिहार के बोधगया में होमगार्ड भर्ती के दौरान बेहोश हुई 26 वर्षीय महिला अभ्यर्थी के साथ अस्पताल ले जाते समय एंबुलेंस में सामूहिक बलात्कार का मामला सामने आया है। आरोप में एंबुलेंस चालक विनय कुमार और तकनीशियन अजीत कुमार को गिरफ्तार किया गया है।

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बिहार के बोधगया से एक बेहद चौंकाने वाला और दुखद मामला सामने आया है। यहां होमगार्ड भर्ती प्रक्रिया के दौरान दौड़ लगा रही एक 26 वर्षीय महिला अभ्यर्थी अचानक बेहोश हो गई। जब उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया जा रहा था, उसी दौरान एंबुलेंस में मौजूद ड्राइवर और एक तकनीशियन ने उस महिला के साथ कथित रूप से सामूहिक बलात्कार किया।

यह घटना गुरुवार को हुई। पुलिस ने बताया कि इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें एंबुलेंस चालक विनय कुमार (गया के उतरेन गांव निवासी) और तकनीशियन अजीत कुमार (नालंदा जिले के चंदनपुर गांव निवासी) शामिल हैं। यह एंबुलेंस भर्ती स्थल पर इमरजेंसी की स्थिति के लिए खड़ी की गई थी, लेकिन सवाल यह उठ रहा है कि जब भर्ती केवल महिलाओं के लिए थी, तो एंबुलेंस में कोई महिला स्टाफ क्यों नहीं था।

महिला के परिजनों का कहना है कि जब लड़की बेहोश हुई और उसे अस्पताल ले जाया गया, तभी उसके साथ यह घिनौनी हरकत की गई। परिजनों ने यह भी सवाल उठाया कि सुरक्षा के इतने इंतजामों के बावजूद ऐसी घटना कैसे हो सकती है।

बोधगया पुलिस स्टेशन में इस घटना को लेकर एफआईआर दर्ज कर ली गई है। यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 70(1) के तहत दर्ज किया गया है। पुलिस ने पीड़िता का बयान दर्ज किया है और उसे मेडिकल जांच के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है।

गया के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) आनंद कुमार ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और मामले की जांच के लिए नगर पुलिस अधीक्षक रामानंद कुमार कौशल के नेतृत्व में एक विशेष जांच टीम (SIT) बनाई है।

एसएसपी आनंद कुमार ने बताया कि पीड़िता के बयान और सीसीटीवी फुटेज की मदद से आरोपियों की पहचान जल्दी ही कर ली गई थी और कुछ ही घंटों के भीतर दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस ने यह भी आश्वासन दिया है कि इस मामले में तेजी से कार्रवाई की जाएगी और आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने के लिए कोर्ट में जल्द ही चार्जशीट दाखिल कर त्वरित सुनवाई की सिफारिश की जाएगी।

यह घटना न सिर्फ महिला सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है, बल्कि सरकारी भर्तियों में व्यवस्था और निगरानी की कमजोरियों को भी उजागर करती है। अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि पीड़िता को न्याय कितनी जल्दी और कितनी मजबूती से मिल पाता है।