तेजस्वी यादव ने किया बड़ा ऐलान! जीविका दीदियों और संविदा कर्मचारियों को मिलेगा स्थायी सरकारी पद, 30 हजार वेतन भी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के बीच आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि जीविका दीदियों और संविदा कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा और 30 हजार रुपये वेतन भी मिलेगा. इस घोषणा पर बीजेपी ने पलटवार किया है.

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चुनावी हलचल के बीच बिहार के युवा नेता और आरजेडी प्रमुख तेजस्वी यादव ने बुधवार (22 अक्टूबर, 2025) को बड़ा ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि जीविका दीदियों (कम्युनिटी मोबिलाइजर) को स्थायी करके सरकारी कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा. इनके लिए मासिक 30 हजार रुपये वेतन की व्यवस्था होगी. इसके साथ ही, प्रदेश में काम कर रहे सभी संविदा कर्मचारियों को स्थायी किया जाएगा. तेजस्वी यादव ने कहा कि संविदा कर्मचारियों को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक शोषण का सामना करना पड़ता है, और अब उन्हें एक साथ स्थायी किया जाएगा.

बीजेपी ने तेजस्वी पर किया पलटवार

इस घोषणा के तुरंत बाद बीजेपी नेता और बिहार सरकार के मंत्री नितिन नवीन ने तेजस्वी यादव को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि यह घोषणा केवल चुनावी मुद्दा बन चुकी है और इसे जनता गंभीरता से नहीं लेगी. नितिन नवीन ने कहा कि जीविका समूह का निर्माण नीतीश कुमार की सरकार ने लगातार प्रयासों के बाद किया. उनके मुताबिक, पहले महिलाओं का समूह घर की दहलीज से बाहर निकलने में डरती थीं, लेकिन आज महिलाएं स्वतंत्र होकर व्यवसाय कर रही हैं, जो एनडीए सरकार की देन है.

नितिन नवीन ने आगे कहा कि जो महिलाओं को 10 हजार रुपये दिए जा रहे हैं, उसका स्ट्रक्चर कोई लालू यादव या राबड़ी देवी की सरकार ने नहीं बनाया. आज बिहार में 80 लाख से अधिक महिलाएं समूहों में संगठित हैं और यह नीतीश कुमार की पहल का परिणाम है. उन्होंने तेजस्वी यादव से कहा कि जनता जमीन पर किए गए काम को देखकर वोट देती है.

शिक्षा और रोजगार पर निशाना

बीजेपी नेता ने तेजस्वी यादव के विजन पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा, "आप इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज के बारे में सोचते थे क्या? आज बिहार के हर जिले में इंजीनियरिंग कॉलेज हैं और दर्जनों मेडिकल कॉलेज हैं. आपने युवाओं को पलायन के लिए मजबूर किया, हमने उन्हें शिक्षा का अवसर दिया."

नितिन नवीन ने आरजेडी के “हर घर में सरकारी नौकरी” के वादे पर भी हमला किया. उनका कहना है कि इस योजना के अनुसार, लोग अपनी जमीन बेचकर नौकरी लेने नहीं आएंगे. उन्होंने चेतावनी दी कि जमीन और रोजगार के मुद्दे को जनता भूले नहींगी और इस पर तेजस्वी यादव की घोषणा प्रभाव नहीं डाल पाएगी.

तेजस्वी यादव का यह ऐलान संविदा कर्मचारियों और महिलाओं के लिए उम्मीद जगाने वाला है, लेकिन बीजेपी इसे चुनावी दांव के रूप में पेश कर रही है. बिहार की सियासत में रोजगार, शिक्षा और महिलाओं के सशक्तिकरण को लेकर यह बहस और गर्म होने की संभावना है.