दिल्ली में इस बार छठ पूजा बड़े पैमाने पर मनाई जाएगी। सरकार और नगर निगम दोनों ही मिलकर तैयारियों में जुटे हैं ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। इस बार खास बात यह है कि यमुना घाटों के अलावा शहर के कई इलाकों में “मॉडल छठ घाट” बनाए जा रहे हैं।
दिल्ली सरकार के कला, संस्कृति और भाषा मंत्री कपिल मिश्रा ने पूर्वांचल मोर्चा के साथ बैठक कर छठ की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने बताया कि इस साल दिल्ली में 1000 से अधिक जगहों पर छठ पूजा का आयोजन किया जाएगा। पूजा की अनुमति और एनओसी अब “एकल खिड़की व्यवस्था” के ज़रिए मिलेगी ताकि प्रक्रिया आसान और तेज़ हो।
मंत्री ने कहा कि कई सालों बाद यमुना घाटों पर छठ पूजा का भव्य आयोजन होगा। इससे श्रद्धालुओं में उत्साह है और लोगों की भागीदारी भी बढ़ेगी।
प्रत्येक नगर निगम ज़ोन में एक नोडल अधिकारी तैनात किया जाएगा, जो छठ पूजा की तैयारियों की निगरानी करेगा। एमसीडी को निर्देश दिए गए हैं कि सभी घाटों की सफाई नियमित रूप से हो और पर्याप्त संख्या में सफाई कर्मचारी लगाए जाएं।
अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि प्रमुख स्थानों पर मोबाइल टॉयलेट, एम्बुलेंस और फायर सेफ्टी की पूरी व्यवस्था हो। सिंचाई और बाढ़ नियंत्रण विभाग को सुरक्षा और बैरिकेडिंग की जिम्मेदारी दी गई है। दमकल विभाग, एनडीएमसी और एमसीडी सुरक्षा मानकों की निगरानी करेंगे। श्रद्धालुओं के लिए पेयजल और नाश्ते की व्यवस्था भी की जाएगी।
इस बार दिल्ली में द्वारका, हाथी घाट, पीतमपुरा और सोनिया विहार जैसे प्रमुख स्थानों पर विशेष “मॉडल घाट” तैयार किए जा रहे हैं। यहां सजावट, लाइटिंग और सुविधाओं पर खास ध्यान दिया जा रहा है। साथ ही, दिल्ली सरकार के संस्कृति विभाग की ओर से 200 से अधिक जगहों पर कलाकार लोकगीत और नृत्य प्रस्तुतियां देंगे।
छठ पूजा 25 से 28 अक्टूबर के बीच मनाई जाएगी। इसके लिए पार्कों और मैदानों में कृत्रिम घाट बनाए जा रहे हैं। दिल्ली नगर निगम ने घाटों के आसपास नई एलईडी स्ट्रीट लाइटें लगाने की मंजूरी दी है ताकि श्रद्धालु रात में भी सुरक्षित महसूस करें।
महापौर राजा इकबाल सिंह ने बताया कि हर वार्ड में जरूरत के हिसाब से कृत्रिम घाट बनाए जा रहे हैं और सफाई के लिए अतिरिक्त फंड भी जारी किया गया है।