जन सुराज आंदोलन के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में खुद चुनाव न लड़ने का ऐलान किया है. इस फैसले ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है. प्रशांत किशोर का कहना है कि उनका उद्देश्य सिर्फ राजनीति करना नहीं, बल्कि बिहार में एक मजबूत जन आंदोलन खड़ा करना है.
लेकिन, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने इस कदम की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि अगर कोई नेता खुद आगे बढ़कर नेतृत्व नहीं कर सकता, तो उसकी पार्टी और कार्यकर्ता उस पर भरोसा कैसे करेंगे?
चिराग ने कहा, “नेतृत्व का मतलब केवल योजनाएं बनाना नहीं होता, बल्कि जनता के बीच जाकर खड़े रहना भी जरूरी है. अगर आप मैदान में नहीं उतरेंगे तो कार्यकर्ता भी निराश होंगे.” उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस फैसले से जन सुराज आंदोलन की विश्वसनीयता पर सवाल उठेंगे और कार्यकर्ताओं का मनोबल गिर सकता है.
#WATCH | Patna, Bihar | On Jan Suraaj Founder Prashant Kishor not contesting the elections, LJP(RV) chief & Union Minister Chirag Paswan says, "If you can't lead from the front, how will the party believe in you? Prashant ji's decision will break the confidence of their party… pic.twitter.com/J8YoqtWzES
— ANI (@ANI) October 22, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव अब पूरी तरह चुनावी मोड में है. कुल 243 विधानसभा सीटों में से दूसरे चरण की 122 सीटों पर नामांकन प्रक्रिया सोमवार को पूरी हो गई है. वहीं पहले चरण की 121 सीटों पर नाम वापस लेने की अंतिम तारीख भी खत्म हो चुकी है.
पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरे चरण का 11 नवंबर को होगा. नतीजे 14 नवंबर को घोषित किए जाएंगे. चुनावी रैलियों, रोड शो और प्रचार अभियानों का शोर अब पूरे राज्य में गूंज रहा है.
चुनाव आयोग के अनुसार, पहले चरण में कुल 1375 उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया था. जांच प्रक्रिया के बाद सभी नामांकन सही पाए गए, लेकिन 61 उम्मीदवारों ने बाद में नाम वापस ले लिए. अब 121 सीटों पर 1314 प्रत्याशी मैदान में हैं, जिनमें बड़े राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों के साथ कई निर्दलीय उम्मीदवार भी शामिल हैं.