Income Tax Fake Mail Fraud : आज के डिजिटल युग में इनकम टैक्स से जुड़ा कोई भी ईमेल या मैसेज आते ही लोग उसे तुरंत खोल लेते हैं. इसी आदत का फायदा अब साइबर ठग उठा रहे हैं. हाल के महीनों में ऐसे फर्जी ईमेल और मैसेज के जरिए धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़े हैं, जो दिखने में बिल्कुल असली लगते हैं. इनका मकसद केवल एक है—आपकी निजी और बैंक से जुड़ी संवेदनशील जानकारी चुराना.
साइबर ठग असली डोमेन जैसा नाम, लोगो और भाषा का इस्तेमाल करते हैं, जिससे मेल असली लगे और लोग बिना शक किए लिंक या अटैचमेंट पर क्लिक कर दें. कई बार लोग जल्दबाजी में क्लिक कर बैठते हैं और उनकी बैंक डिटेल, पासवर्ड या ओटीपी ठगों तक पहुंच जाता है. इस तरह, मिनटों में आपकी मेहनत की कमाई खतरे में पड़ सकती है.
किसी मेल की सच्चाई जांचने के लिए कुछ संकेतों पर ध्यान दें:
1. सेंडर का पता जांचें – इनकम टैक्स के असली मेल हमेशा gov.in या nic.in डोमेन से आते हैं.
2. स्पेलिंग और फॉर्मेट – फर्जी मेल में अक्सर गलत स्पेलिंग, अजीब कैरेक्टर या भाषा की गलतियां होती हैं.
3. लिंक चेक करें – किसी लिंक पर क्लिक करने से पहले माउस से होवर करके देखें कि यूआरएल असली है या नहीं.
4. संवेदनशील जानकारी की मांग – असली इनकम टैक्स ईमेल पासवर्ड, ओटीपी या बैंक डिटेल कभी नहीं मांगते.
अगर गलती से आपने फर्जी लिंक पर क्लिक कर दिया और धोखाधड़ी हो गई, तो तुरंत कदम उठाएं:
बैंक अकाउंट और कार्ड ब्लॉक कराएं ताकि आगे ट्रांजैक्शन रोका जा सके. पासवर्ड और पिन तुरंत बदलें. साइबर क्राइम हेल्पलाइन 1930 पर कॉल करें और cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें. नजदीकी पुलिस स्टेशन में रिपोर्ट करें और ईमेल, मैसेज, कॉल लॉग, ट्रांजैक्शन डिटेल जैसे सबूत संभालकर रखें. अगर पैसा ट्रांसफर हो गया है, तो तुरंत बैंक को सूचना दें ताकि रिकवरी की संभावना बनी रहे.
साइबर फ्रॉड में सबसे बड़ी ताकत आपकी लापरवाही होती है. अगर आप मेल के हर डिटेल को ध्यान से जांचेंगे, तो ठगों के जाल में फंसने की संभावना बेहद कम हो जाएगी. याद रखें- सरकारी संस्थाएं कभी भी मेल के जरिए संवेदनशील जानकारी नहीं मांगतीं.
इनकम टैक्स के नाम पर आने वाले फर्जी मेल आज साइबर अपराधियों का सबसे पसंदीदा हथियार बन चुके हैं. सही समय पर पहचान और तुरंत कार्रवाई से आप न केवल अपना पैसा बचा सकते हैं, बल्कि ठगों के इरादों पर भी पानी फेर सकते हैं.
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