मुंबई हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश चंद्रशेखर और न्यायमूर्ति गौतम अंखड की पीठ ने साफ कहा कि जब तक शिल्पा और राज 60 करोड़ रुपये की पूरी राशि जमा नहीं करते, तब तक उनकी याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा. कपल ने कोर्ट से विदेश जाने की अनुमति मांगी थी, जिसमें से एक ट्रिप छुट्टियां बिताने के लिए बताई गई, जबकि अन्य पेशेवर कारणों से थीं.
हालांकि कोर्ट ने ये भी कहा कि जांच में सहयोग देने के कारण उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया है, लेकिन मामला गंभीर है और इसमें राहत तभी मिल सकती है जब कानूनी प्रक्रिया का पालन हो.
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर व्यवसायी दीपक कोठारी ने धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. शिकायत के अनुसार, 2015 से 2023 के बीच दंपती ने दीपक को अपनी कंपनी बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड में निवेश के लिए प्रेरित किया और कुल 60 करोड़ रुपये का निवेश करवाया. लेकिन आरोप है कि इस धनराशि का उपयोग कंपनी के उद्देश्यों के बजाय अपने व्यक्तिगत फायदे के लिए किया गया.
इस मामले में जुहू पुलिस स्टेशन में 14 अगस्त को एफआईआर दर्ज की गई थी. आर्थिक अपराध शाखा (EOW) द्वारा जांच शुरू की गई और राज कुंद्रा का बयान भी दर्ज किया गया. इसके बाद दोनों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था.
कोर्ट ने फुकेट यात्रा को 'छुट्टियां मनाने' के तौर पर देखा और स्पष्ट कहा कि धोखाधड़ी के आरोप में घिरे लोग छुट्टियां नहीं मना सकते. वकीलों की दलीलों के बावजूद कोर्ट अपने फैसले पर अडिग रहा और कहा कि केवल पेशेवर कारणों से भी यात्रा की इजाजत तभी दी जाएगी, जब 60 करोड़ की रकम जमा होगी.
अब ये मामला 14 अक्टूबर को फिर से कोर्ट में पेश किया जाएगा. तब तक अगर दंपती 60 करोड़ रुपये जमा कर देते हैं, तो उनकी याचिका पर पुनः विचार किया जा सकता है. कोर्ट ने शिल्पा के उन सभी व्यावसायिक इवेंट्स के इनविटेशन लेटर भी मांगे हैं, जिनमें उन्हें शामिल होना है.
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के लिए आने वाला समय कानूनी मोर्चे पर चुनौतीपूर्ण रहने वाला है. जब तक वो कोर्ट के निर्देशानुसार 60 करोड़ रुपये जमा नहीं करते, विदेश यात्रा की कोई अनुमति नहीं मिलने वाली.
Copyright © 2025 The Samachaar
