भारत के विमानन इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार (8 अक्टूबर 2025) को नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (NMIA) के पहले फेज का उद्घाटन किया. करीब ₹19,650 करोड़ की लागत से तैयार यह एयरपोर्ट भारत की अब तक की सबसे बड़ी ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट परियोजना है, जिसे सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत विकसित किया गया है.
नवी मुंबई एयरपोर्ट से दिसंबर 2025 से वाणिज्यिक उड़ानें शुरू होने वाली हैं. वहीं, यात्रियों के लिए टिकट बुकिंग अक्टूबर के अंत तक शुरू हो जाएगी. शुरुआती चरण में इंडिगो, अकासा एयर और एयर इंडिया एक्सप्रेस जैसी प्रमुख एयरलाइंस यहां से उड़ान भरेंगी. इससे मुंबई एयर ट्रैफिक पर दबाव कम होगा और यात्रियों को वैकल्पिक सुविधा मिलेगी.
यह एयरपोर्ट भारत का पहला पूर्णतः डिजिटल हवाई अड्डा होगा. यहां यात्रियों को कई स्मार्ट फीचर्स मिलेंगे —
1. वाहन पार्किंग की प्री-बुकिंग
2. ऑनलाइन बैगेज ड्रॉप की सुविधा
3. डिजिटल इमिग्रेशन सिस्टम
एयरपोर्ट संचालित करने वाली अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) के CEO अरुण बंसल ने बताया कि यात्रियों को मोबाइल पर यह संदेश भी मिलेगा कि उनका बैग कैरोसेल पर किस नंबर पर है — यानी अब हर प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी और तेज़ होगी.
नवी मुंबई एयरपोर्ट में 3,700 मीटर लंबा रनवे, अत्याधुनिक टर्मिनल बिल्डिंग और एडवांस एयर ट्रैफिक कंट्रोल सिस्टम जैसी सुविधाएं हैं. यह घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों तरह की उड़ानों के लिए तैयार है. एयरपोर्ट की स्थिति भी रणनीतिक है —
1. जेएनपीटी पोर्ट से सिर्फ 14 किमी
2. तलोजा इंडस्ट्रियल एरिया से 22 किमी
3. ठाणे से 32 किमी
4. भिवंडी से 40 किमी की दूरी पर
यह एयरपोर्ट मुंबई को ‘ग्लोबल मल्टी-एयरपोर्ट सिस्टम’ की श्रेणी में ला देगा. मौजूदा छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (CSMIA) के साथ मिलकर यह मुंबई को विश्व स्तर पर एक नई पहचान देगा.
नवी मुंबई एयरपोर्ट न सिर्फ मुंबई की कनेक्टिविटी बढ़ाएगा, बल्कि भारत की आर्थिक उड़ान को भी नई ऊंचाई देगा. दिसंबर से जब यहां से पहली उड़ान भरेगी, तो यह देश के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक टेकऑफ होगा.
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