Narak Chaturdashi 2025 : नरक चतुर्दशी, जिसे छोटी दिवाली के नाम से भी जाना जाता है, दीपावली से एक दिन पहले मनाया जाता है. यह पर्व कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16,000 कन्याओं को मुक्त कराया था. इसी उपलक्ष्य में इस दिन को पापमुक्ति और शुभता का प्रतीक माना जाता है.
नरक चतुर्दशी के दिन यमराज, हनुमान जी और भगवान श्रीकृष्ण की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि इनकी आराधना करने से व्यक्ति को पापों से मुक्ति, दीर्घायु, और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है.
तिथि आरंभ: 19 अक्टूबर 2025, रविवार – दोपहर 1:51 बजे तिथि समाप्ति: 20 अक्टूबर 2025, सोमवार – दोपहर 3:44 बजे दीपदान मुहूर्त: 19 अक्टूबर की रात 11:41 बजे से 12:31 बजे तक
इस शुभ मुहूर्त में दीपदान करने से नरक से मुक्ति और घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.
हनुमान जी, यमराज और श्रीकृष्ण की पूजा करें. विशेष मंत्रों का जप करते हुए श्रद्धा से आराधना करें.
घर की गहराई से सफाई करें. यह नकारात्मकता को हटाने का प्रतीक होता है.
घर और मंदिर को शुद्ध करने के लिए गंगाजल से स्नान या छिड़काव करें.
घर के हर कोने, खासकर दरवाजे और खिड़कियों के पास दीपक लगाएं.
मंत्रों और भजन-कीर्तन का आयोजन करें. यह वातावरण को शुद्ध और सकारात्मक बनाता है.
गरीबों और जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र या धन का दान करें.
घर को गंदा या अस्त-व्यस्त न छोड़ें.यह नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
वाद-विवाद और क्रोध से बचें. मन की शुद्धता बनाए रखें.
बुजुर्गों का अनादर न करें. उनका आशीर्वाद ही असली लक्ष्मी है.
धन का अपव्यय न करें. व्यर्थ खर्च करने से लक्ष्मी रुष्ट हो सकती हैं.
तामसिक भोजन और मद्यपान से बचें. यह आध्यात्मिक ऊर्जा को प्रभावित करता है.
नरक चतुर्दशी केवल दीप जलाने और पूजा करने का दिन नहीं है, यह दिन है अंधकार को दूर कर जीवन में उजाला लाने का. इस दिन की जाने वाली हर क्रिया, चाहे वह घर की सफाई हो या मन की, आपको आध्यात्मिक शुद्धि और मानसिक शांति प्रदान करती है.
Copyright © 2025 The Samachaar
