ISKCON रेस्टोरेंट में जानबूझकर खाया नॉन वेज, लगाए 'फ्री चिकन' के नारे, देखें Viral Video

लंदन के इस्कॉन शाकाहारी रेस्टोरेंट में एक अफ्रीकी-ब्रिटिश युवक ने जानबूझकर नॉन वेज खाया और 'फ्री द चिकन' के नारे लगाए. वीडियो वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने इसे हिंदू धर्म का अपमान बताया है.

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लंदन में इस्कॉन (ISKCON) संस्था द्वारा संचालित एक शुद्ध शाकाहारी रेस्टोरेंट में एक शर्मनाक घटना सामने आई है. एक अफ्रीकी-ब्रिटिश युवक ने यहां जानबूझकर नॉन वेज खाना शुरू कर दिया, जबकि यह रेस्टोरेंट पूरी तरह से शाकाहारी और धार्मिक मान्यताओं से जुड़ा हुआ है. युवक ने सिर्फ नॉन वेज खाया ही नहीं, बल्कि ‘फ्री द चिकन’ के नारे भी लगाए और वहां मौजूद लोगों को मांस परोसने की कोशिश की. यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई और अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिससे लोगों में गुस्सा है.

स्टाफ को किया परेशान

वीडियो में साफ नजर आता है कि युवक रेस्टोरेंट में घुसते ही स्टाफ से पूछता है कि क्या यहां नॉन वेज मिलता है. स्टाफ द्वारा स्पष्ट मना करने के बावजूद वह अपने बैग से मांस का पैकेट निकालता है और खाने लगता है. यही नहीं, वह स्टाफ और ग्राहकों को भी जबरदस्ती परोसने की कोशिश करता है. इस व्यवहार से साफ होता है कि यह कृत्य पूर्व-नियोजित था, जिसका उद्देश्य धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना था.

'फ्री द चिकन' के नारे

घटना के दौरान युवक ने सिर्फ अशोभनीय हरकतें ही नहीं की, बल्कि धार्मिक स्थल के भीतर ‘फ्री द चिकन’ जैसे उकसावे वाले नारे भी लगाए. इससे रेस्टोरेंट का माहौल तनावपूर्ण हो गया, लेकिन स्टाफ और ग्राहक संयम बरतते रहे और युवक को बाहर जाने को कहा.

सोशल मीडिया पर भड़के लोग

वीडियो वायरल होते ही सोशल मीडिया पर यूजर्स ने युवक की इस हरकत को शर्मनाक बताया. कई यूजर्स ने इसे धार्मिक घृणा से प्रेरित करार दिया और मांग की कि पुलिस इस पर सख्त कार्रवाई करे. एक यूजर ने लिखा, "इसने जानबूझकर यह किया क्योंकि इसे पता था कि हिंदू जवाब में हिंसा नहीं करेंगे. यह हिंदूफोबिया का ज्वलंत उदाहरण है."

इस्कॉन की मर्यादा भंग करने की कोशिश

इस्कॉन न सिर्फ एक संस्था है, बल्कि यह हिंदू संस्कृति, भक्ति और आध्यात्मिकता का प्रतिनिधित्व करता है. ऐसे स्थान पर इस तरह की हरकत करना न केवल नियमों का उल्लंघन है, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की भावनाओं का भी अपमान है.

सख्त कार्रवाई और सुरक्षा बढ़ाने की जरूरत

इस घटना ने धार्मिक स्थलों की सुरक्षा और वहां की मर्यादा बनाए रखने की जरूरत को फिर से उजागर किया है. लोगों की मांग है कि आरोपी पर धार्मिक भावना आहत करने और सार्वजनिक अशांति फैलाने का केस दर्ज कर उचित दंड दिया जाए, ताकि भविष्य में कोई इस तरह की हरकत करने की हिम्मत न जुटा सके.